अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) अब दान लेने के मकसद से दो बैंक खाते खोलेगा।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी और हाजी महबूब का कहना है कि ट्रस्ट बनाने से पहले उनकी कोई भी राय नहीं ली गयी है, न ही इस ट्रस्ट में उनकी कोई दिलचस्पी है।
प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये पांच एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने को लेकर उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल की रजामंदी को बोर्ड का नितांत निजी मामला बताया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के रौनाही क्षेत्र में मस्जिद बनाए जाने की मंजूरी दे दी है और इसके लिए 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाएगी।
अयोध्या मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की अहम बैठक हुई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मामले पर रिव्यू पीटिशन दाखिल नहीं करेगा।
26 नवंबर को सुन्नी वक्फ बोर्ड फैसला इस बात का करेगा कि वो 5 एकड़ की जमीन लेगा या नहीं और अगर लेगा तो उसका क्या करेगा। सबसे बड़ी बात तो ये है कि पुनर्विचार याचिका में वो नहीं जाएगा।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जो रुख अपनाया था अब वह उससे यू टर्न ले सकता है।
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के अहम पक्षकार रहे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि वह इस फैसले को चुनौती नहीं देगा।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा है कि उसने अयोध्या मामले में गठित मध्यस्थता पैनल के सामने जो भी प्रस्ताव दिया है, वह मुल्क के भले के लिए है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर बाकी मुस्लिम पार्टियों की तरफ एक प्रेस रिलीज़ जारी की गई है, जिसमें उन्होंने मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल को हलफनामा सोंपा है।
राम मंदिर पर निर्णायक सुनवाई शुरू होने से पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दिया है। इस हलफनामे में अयोध्या की विवादत भूमि से अपना दावा छोड़ने की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर चल रही सुनवाई बुधवार को खत्म हो सकती है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पत्र की जिरह का आखिरी दिन होगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद का बातचीत के जरिये समाधान निकालने के लिए मध्यस्थता पैनल बनाया था। मध्यस्थता समिति में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एफएम कलीफुल्ला, वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू और श्रीश्री रविशंकर का नाम शामिल था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में फैसला देते हुए विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था।
अयोध्या में विवाद में कोर्ट में चल रही सुनवाई में दोनों बोर्ड आमने-सामने आ गए हैं।
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह ताजमहल के स्वामित्व का दावा नहीं करेगा।
During the last hearing in February, the apex court had said it will deal the case as a pure land dispute and refused to hear it on day-to-day basis.
बुधवार को यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल के उस रुख से अपने आपको अलग कर लिया जिसमें उन्होंने अयोध्या मामले की सुनवाई 2019 तक टालने की मांग रखी थी।
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