Saturday, April 20, 2024
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Lockdown: Mathura में इलाज के अभाव में जच्चा-बच्चा की मौत, DM ने दिए जांच के आदेश

भरतपुर गेट इलाके के मेवाती मोहल्ला निवासी पल्लेदार लाला की पत्नी परवीना (26) गर्भवती थी। उसे रविवार की सुबह दर्द उठने लगा तो उन लोगों ने उसे अस्पताल ले जाने की इजाजत मांगी।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: April 28, 2020 18:10 IST
Coronavirus- India TV Hindi
Image Source : PTI Representational Image

मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में हॉटस्पॉट बन चुके पुराने शहर के इलाके में रविवार को एक गर्भवती महिला को समय से कथित रूप से चिकित्सा सुविधा न मिल पाने के चलते उसकी व बच्चे की मृत्यु हो गई। परिजन का आरोप है कि उन्होंने गली पर तैनात पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी। इसके बाद जिला अस्पताल में भी चिकित्सकों ने उसे भर्ती न कर आगरा रेफर कर दिया। वहां एक निजी अस्पताल में बच्चे के जन्म के साथ ही जच्चा व बच्चा की मृत्यु हो गई।

जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया, ‘हमें शिकायतें मिली हैं कि जिला अस्पताल से कई मरीजों को बिना इलाज के लौटाया गया है। हमने इसे कर्तव्य पालन में लापरवाही मानते हुए गंभीरता से लिया है तथा सिटी मजिस्ट्रेट को पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।’

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया, ‘पुराने शहर के सील किए गए क्षेत्र में जिस गली के परिवार में यह घटना घटी है, उस गली पर रविवार को तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई करने को एसएसपी से कहा गया है।'

गौरतलब है कि भरतपुर गेट इलाके के मेवाती मोहल्ला निवासी पल्लेदार लाला की पत्नी परवीना (26) गर्भवती थी। उसे रविवार की सुबह दर्द उठने लगा तो उन लोगों ने उसे अस्पताल ले जाने की इजाजत मांगी। जिस पर पुलिसकर्मियों ने मना कर दिया। तब उन्होंने एंबुलेंस आदि कोई अन्य सहायता के लिए गुहार लगाई। लेकिन उन्होंने एक न सुनी। 

आरोप है कि कई घण्टे की मशक्कत के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। लंबे समय तक मेडिकल हेल्प न मिलने से उसे ब्लीडिंग होने लगी। तब वे लोग उसे एक ढकेल रिक्शा में डालकर किसी प्रकार जिला अस्पताल ले गए। वहां उसे भर्ती करने से मना करते हुए सीधे आगरा ले जाने को कह दिया गया। वे लोग उसे एंबुलेंस में आगरा ले गए।

जहां बमुश्किल एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के चलते उसकी हालत बेहद नाजुक थी। फिर भी उसने एक बच्चे को जन्म दिया। जिसके कुछ ही पलों बाद उसकी व बच्चे की मौत हो गई। सोमवार को वे दोनों के शव लेकर वापस लौटे। वार्ड संख्या 38 की पार्षद शाहिदा का भी कहना है कि यदि पुलिसकर्मी उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचा देते अथवा जाने देते तो शायद मां व बच्चे की जान बच जाती। 

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