Highlights
- ज्ञानवापी मामले पर बोले मुफ्ती सलमान अजहरी
- कहा- 500 साल से वो शिवलिंग किसी को क्यों नहीं दिखा
- मुफ्ती बोले- औरंगजेब मंदिरों को तोड़ता है, ये सच नहीं है
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वे के दौरान वजूखाने में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसे लेकर इस्लामिक रिसर्च स्कॉलर मुफ्ती सलमान अजहरी ने कहा कि भारत सनातन धर्म का देश है, अगर आप खुदाई करने लगे, तो ना जाने किसी के घर, महल के नीचे से क्या-क्या मिलेगा?
उन्होंने कहा, "शिवलिंग को कैसे पहचानते हैं, शिवलिंग को पहचानने का कोई तरीका है। ज्ञानवापी में 500 साल से वो शिवलिंग किसी को क्यों नहीं दिखा, अभी 2022 में शिवलिंग क्यों दिखने लगा? हमारी जानकारी के मुताबिक, वो फव्वारा है, ज्ञानवापी को तारीख के हिसाब से देखें। डॉ. गुप्ता और पीएल पांडे ने किताब लिखी है कि औरंगजेब ने कई मंदिरों के लिए जमीन दी, महाकालेश्वर मंदिर में आज भी उनका दिया जलता है। औरंगजेब मंदिरों को तोड़ता है, ये सच नहीं है।"
'सभी की आस्था का सम्मान होना चाहिए'
मुफ्ती सलमान अजहरी ने आगे कहा, "हिंदू भारत में बहुसंख्यक हैं। बनारस में इतने हिंदू हैं, क्या इनको (वजू) एक दीवार भारी पड़ रही है, क्या एक दीवार को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। जब योगी ने विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए कई मंदिर तोड़े, तो कोई क्यों नहीं बोला।" शिवलिंग का अपमान क्यों? इस पर उन्होंने कहा, "सभी की आस्था का सम्मान होना चाहिए, लेकिन अगर कोई बेवकूफी करेगा, तो बात तो होगी। अगर कोई ग्लास को कहेगा कि ये मेरी आस्था के निशान सा है, तो ये बेवकूफी है।"
सपा सांसद बर्क के बयान पर उन्होंने कहा, "अगर वो कर्बानी देते हैं, तो अच्छी बात है, बरसों से हम समाजवादी पार्टी से यही उम्मीद कर रहे हैं, वो कुर्बानी दें। हम भी अपनी इबादतगाह की हिफाजत करेंगे। संविधान ने हमें ये ताकत दिया है। मस्जिद अल्लाह का घर है। हम ये मस्जिद नहीं खोना चाहते हैं, जैसे आपकी आस्था है, वही मस्जिद भी हमारी आस्था है। हमारी आस्था से छेड़छाड़ मत करें।"
'इस मस्जिद के अलावा पूरी लाइन लगी है'
मुफ्ती ने कहा, "हमारे सामने एक मस्जिद को गिराकर आप हमारा तमाशा देख रहे थे। ये एक ही मस्जिद नहीं है, हमने सुना है कि इस मस्जिद के अलावा पूरी लाइन लगी है, इस मस्जिद के बाद वो मस्जिद। औरंगजब अगर मंदिरों को तोड़ता था, तो अब आप क्या कर रहे हैं। आप मस्जिदों को तोड़ने वाले हैं। वो मस्जिद थी, मस्जिद है और इंशाअल्लाह आखिर तक मस्जिद ही रहेगी।"
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि देश की फिज़ा खराब ना हो. आपको भड़काने वाले सिर्फ मौलाना दिखते हैं. देश का माहौल खराब करने वाले, भड़काने वाले ढोंगी साधू, महंत आपको क्यों नहीं दिखते. इस लड़ाई को कानून से लड़ेंगे. नाइंसाफी को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे. जनता की अदालत मजबूत होती है. उनके सामने बात रखेंगे."