Wednesday, April 24, 2024
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महात्मा गांधी आज वाराणसी के सौंदर्य को देखते तो बहुत खुश होते: योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1980 में जब राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू हुआ था तब लोगों को विश्वास नहीं होता था कि मंदिर निर्माण का सपना पूरा होगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 19, 2021 22:20 IST
महात्मा गांधी आज वाराणसी के सौंदर्य को देखते तो बहुत खुश होते: योगी आदित्यनाथ- India TV Hindi
Image Source : PTI महात्मा गांधी आज वाराणसी के सौंदर्य को देखते तो बहुत खुश होते: योगी आदित्यनाथ

Highlights

  • महात्मा गांधी और वाराणसी को लेकर योगी आदित्यनाथ का बयान
  • CM योगी- महात्मा गांधी आज वाराणसी के सौंदर्य को देखते तो बहुत खुश होते
  • योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर का भी किया जिक्र

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि महात्मा गांधी अगर आज वाराणसी के सौंदर्य को देखते तो बहुत खुश होते। मुख्यमंत्री ने यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "महात्मा गांधी वर्ष 1916 में जब काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने वाराणसी गए थे तब उन्होंने वहां व्याप्त गंदगी और संकरी गलियों को लेकर तीखी टिप्पणी की थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति को बिल्कुल बदल डाला है। महात्मा गांधी अगर आज की काशी की खूबसूरती देखते तो बहुत खुश होते।"

सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1980 में जब राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू हुआ था तब लोगों को विश्वास नहीं होता था कि मंदिर निर्माण का सपना पूरा होगा। आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को गुपचुप तरीके से संविधान में शामिल किया गया था, जिसका डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने विरोध भी किया था, मगर उनकी आवाज को दबा दिया गया था। हालांकि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसका विरोध करते हुए 'एक राष्ट्र, एक चिह्न' का मुद्दा उठाया था और उन्होंने कश्मीर में परमिट राज के खात्मे के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था। 

गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 61वें प्रांत अधिवेशन के समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस पूर्वोत्तर भारत के बारे में कोई कहता था कि क्या ये भारत का हिस्सा रह पाएगा, आज वहां पर भारत के प्रति सम्मान का भाव है। मुख्यमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, ''जिन कार्यों को करने के लिए सरकार से अपेक्षा की जाती है वह विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन कर रहे हैं। आज असम, त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। अब मैं कह सकता हूं कि विद्यार्थी परिषद अच्छा काम कर रही है।'' 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि क्या कोई देश, विदेश की नकल करके कभी स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है? कभी नहीं। अपने बल पर, अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाकर, तकनीक को युगानुकूल करते हुए अपने अनुरूप बनाकर ही इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। दशकों से एबीवीरी पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों को देश के विभिन्न क्षेत्रों में उनके प्रवास की व्यवस्था कर रही है। अलग-अलग जनपद, अलग-अलग प्रान्त में उन्हें लेकर जाती है। यह 'जोड़ने' का भाव है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अनेक चुनौतीपूर्ण कार्य किए हैं। सुशासन के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए एक युवा की जो भूमिका हो सकती है, उसके निर्वहन हेतु एबीवीपी युवा पीढ़ी को तैयार करते हुए आगे बढ़ रही है।

योगी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपील की कि वह सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाएं ताकि लोगों को उनका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना से उत्तर प्रदेश निर्यात का केंद्र बन गया है। अब दीवाली पर चीन में बनी लक्ष्मी गणेश की मूर्ति के बजाय स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई गई प्रतिमाएं स्थापित की गईं। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में 955 करोड़ रुपए की 334 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

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