
लंबे समय से जेल में बंद जम्मू-कश्मीर की बारामुला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सांसद इंजीनियर राशिद को वर्तमान में जारी संसद के बजट सत्र में शामिल होने के लिए कस्टडी पैरोल दे दी है। कोर्ट ने राशिद को दो दिन की कस्टडी पैरोल दी है। हालांकि, कोर्ट ने राशिद को पैरोल देने के साथ ही कई शर्तें भी लगाई हैं। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।
कोर्ट ने लगाईं कई शर्तें
दिल्ली हाई कोर्ट ने सांसद इंजीनियर राशिद 11 और 13 फरवरी के लिए कस्टडी पैरोल दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि कस्टडी पैरोल के दौरान राशिद मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हाई कोर्ट ने ये भी कहा है कि राशिद संसद में उपस्थित होने की अपनी सीमित जिम्मेदारी को छोड़कर किसी भी व्यक्ति से बातचीत नहीं करेंगे। इसके साथ ही राशिद किसी भी तरह से मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे।
क्या है राशीद पर आरोप?
बारामूला के सांसद राशिद पर आतंकी फंडिंग को लेकर केस चल रहा है। इंजीनियर राशिद पर आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी समूहों को फंडिंग की है। राशिद को साल 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में शामिल होने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों के बाद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था।
भूख हड़ताल पर थे इंजीनियर राशिद?
इंजीनियर राशिद ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा था- "मैं जम्मू कश्मीर के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं। निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधित्व को नहीं रोकें. निर्वाचन क्षेत्र की आवाज को न दबाएं।" बता दें कि इससे पहले इंजीनियर राशिद लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने और सांसद पद की शपथ लेने के लिए भी जेल से बाहर आए थे। संसद के सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में राशिद 31 जनवरी से भूख हड़ताल पर थे।
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