
श्रीनगर: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकी हमले के एक हफ्ते पहले ही आतंकी पहलगाम आ गए थे और उन्होंने कई टूरिस्ट प्वाइंट्स की रेकी की थी। रेकी करने के बाद ही आतंकियों ने बैसरन घाटी को हमला करने के लिए चुना था।
यह जगह पहलगाम शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर है और इसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है। हमला 22 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 2:45 बजे हुआ, जिसमें पर्यटकों को निशाना बनाया गया। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
आतंकियों ने पहले पहलगाम के सभी टूरिस्ट पॉइंट्स जैसे आड़ू घाटी, बेताब घाटी और बैसरन की रेकी की थी और इस रेकी में हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकी और पांच OGW थे और लगभग एक हफ्ते तक पहलगाम के जंगलों में यह घूम रहे थे। आतंकियों ने पहले बेताब वैली को निशाना बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन आखिरी वक्त में इस योजना को बदल दिया गया और बैसरन टूरिस्ट स्पॉट को चुना गया क्योंकि आतंकियों के लिए इस इलाके से हमला करके भागना आसान लगा। अंत तक यह जानकारी साथी ओजीडब्ल्यू और पाकिस्तानी हैंडलर और दो पाकिस्तानी आतंकी के अलावा किसी से साझा नहीं की गई।
20 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने बैसरन की तरफ़ चढ़ाई की और दो दिन के ट्रैक के बाद वो बैसरन के पास जंगलों में पहुंचे। यहां वो स्थानीय आतंकी जिन्होंने रेकी की थी, से मिले। यहां OGW मौजूद नहीं थे। यहां यह ग्रुप दो दिन रहा और 22 अप्रैल को हमले को अंजाम दिया गया। 22 की सुबह इन्होंने इस हमले की योजना ओवर ग्राउंड वर्कर्स को बताई और कहा कि अब हमला बैसरन टूरिस्ट स्पॉट पर किया जाएगा और हमला दोपहर के बाद होगा ताकि जल्दी शाम हो और रात में जंगलों में भागने में आसानी हो।
पहलगाम आतंकी हमला कब और कैसे हुआ?
पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 2:45 बजे अनंतनाग जिले के बैसरन घाटी में हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। शुरुआत में आतंकियों ने लोगों से उनका नाम और धर्म पूछा। महिलाओं और बच्चों को साइड में किया और पुरुषों को गोली मार दी। आतंकियों ने पुरुषों की पैंट भी उतरवाई और फिर उनके प्राइवेट पार्ट चेक किए। आतंकियों के इस हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने सेना जैसी वर्दी पहनी थी और उनके पास AK-47, M4 कार्बाइन राइफल, और स्टील टिप वाली बख्तरबंद भेदी गोलियां भी थीं। कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरा भी पहना था।
आतंकियों ने लोगों से कलमा पढ़ने के लिए भी कहा। जो लोग गैर-मुस्लिम पाए गए, उन्हें पास से गोली मार दी गई। आतंकियों ने करीब 15 मिनट तक गोलीबारी की। आतंकियों ने सुनियोजित तरीके से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। कई पीड़ितों से उनका धर्म पूछा गया, और कुछ को गोली मारने से पहले अपमानित किया गया। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।