
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। चालू 2024-25 सीजन के लिए गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह 10.25 प्रतिशत चीनी रिकवरी दर पर आधारित है। यह बेंचमार्क मूल्य है, जिससे नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके ऊपर एक 0.10 प्रतिशत का एक एडजस्टमेंट है और नीचे 0.10 प्रतिशत होने पर अगर रिकवरी 10.20 प्रतिशत से कम होती है तो उसका एक एडजस्टमेंट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में फैसला लिया गया।
लागत से 105 प्रतिशत ज्यादा कीमत तय
वैष्णव ने कहा कि नई कीमत, अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत जो कि 173 रुपये प्रति क्विंटल है, के मुकाबले काफी अधिक (₹355 प्रति क्विंटल)बढ़ाई गई है। यह लगभग दोगुना बढ़ोतरी है। यह लागत से 105 प्रतिशत ज्यादा तय किया गया है। चीनी सीजन 2023-24 के लिए गन्ना किसानों को 1,11,701 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। चीनी का उत्पादन 320 लाख टन मीट्रिक टन रहा, जबकि गन्ने की पैदावार 3190 लाख मीट्रिक टन है।
किसानों की थी मांग
गन्ना किसानों की तरफ से ईंधन की कीमतों, श्रम व्यय और चीनी मिलों से पेमेंट में देरी सहित बढ़ती इनपुट लागतों के चलते एफआरपी में बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी। एफआरपी यानी गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है जो चीनी मिलों को किसानों को उनके गन्ने के लिए देना होता है। इसे उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है।
28 अप्रैल तक 2024-25 सीजन के लिए किसानों को कुल गन्ना बकाया 97,270 करोड़ रुपये का लगभग 87 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है, जबकि 2024-25 के लिए किसानों को कुल गन्ना बकाया 1,11,782 करोड़ रुपये का 99. 92 प्रतिशत भुगतान किया गया।