Friday, April 19, 2024
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भारी रश के कारण नहीं खोली गई मां वैष्णो की प्राचीन गुफा, भक्त हुए निराश

मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं का एकाएक भारी रश होने के कारण श्राइन बोर्ड प्रबंधन को ऐसा करना पड़ा।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: January 14, 2019 23:01 IST
vaishno devi mandir- India TV Hindi
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धर्म डेस्क: माता वैष्णो देवी को शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। जो कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया में फेमस है। मां के दर्शन के लिए हर साल भारी संख्या में लोग पहुंचते है। यह तीर्थ स्थल  जम्मू कश्मीर के त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है। हर साल की तरह जनवरी-फरवरी में मां के दरबार में बहुत ही कम भक्तों की भीड़ रहती है। जिसके कारण प्राचीन गुफा भक्तों के लिए खोल दी जाती है। लेकिन आज के दिन 10 हजार से अधिक भक्त हो जाने के कारण गुफा नहीं खोली गई। जिसके कारण भक्तगण को निराश होना पड़ा।

इस पावन पर्व पर श्रद्धालुओं का भारी रश होने के कारण श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने प्राचीन गुफा को श्रद्धालुओं के लिए खोलने से इंकार कर दिया। अलबत्ता काफी संख्या में श्रद्धालु पुजारियों के साथ सुबह तड़के प्राचीन गुफा की दिव्य आरती में शामिल हुए परंतु मुख्य पुजारी ने प्राचीन गुफा का प्रवेश द्वार खोल स्वयं उसमें प्रवेश कर मां भगवती की अराधना की और उसके बाद गुफा को बंद कर दिया गया।

माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए अभी जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है, वह गुफा में प्रवेश का प्राकृतिक रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए रास्ते का निर्माण 1977 में किया गया था। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचते हैं।

एसडीएम भवन नरेश कुमार ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन अकसर प्राचीन गुफा को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं का रश कम रहता है। सुबह जब प्राचीन गुफा के कपाट खोले जाने थे, भवन पर श्रद्धालुओं की संख्या करीब पंद्रह हजार पहुंच गई। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर इसे उनके लिए खोला नहीं गया।

इस कारण खोली गई ये गुफा

यहां एक नियम ये है कि जब मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या दस हजार के कम होती है, तब प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिया जाता है और भक्त पुराने रास्ते से माता के दरबार तक पहुंच सकते हैं। ये सौभाग्य बहुत कम भक्तों को मिल पाता है। आमतौर पर जनवरी-फरवरी में यहां आने वाले भक्तों की संख्या काफी कम हो जाती है, इस कारण इन दिनों में प्राचीन गुफा भक्तों के लिए खोल दी जाती है।

एसडीएम भवन नरेश कुमार ने कहा कि फरवरी में श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाती है। अकसर उसी दौरान प्राचीन गुफा को खोला जाता है।

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