Sunday, April 28, 2024
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Raksha bandhan 2017: रक्षाबंधन पर नहीं है कोई अशुभ भाद्रा, इस शुभ मुहूर्त में बांधे राखी

रक्षाबंधन के दिन सुबह 11 बजकर 4 मिनट तक भद्रा रहेगी और इस दौरान बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध सकती, लेकिन हम आपको बता दें कि कोई भी अशुभ भाद्रा नहीं है। जानिए क्यों नहीं है अशुभ भाद्रा और किस मुहूर्त में बांधे भाई को राखी...

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 05, 2017 8:36 IST

raksha bandhan

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"इदं रक्षाबंधनं नियतकालत्वात भद्रावर्ज्य ग्रहणदिनेपि कार्यं होलिकावत्। ग्रहणसंक्रांत्यादौ रक्षानिषेधाभावात्।"

इसका मतलब है कि ग्रहण का सूतक अनियतकाल के कर्मों में लगता है और रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा श्रावण मास की पूर्णिमा को ही मनाया जाता है। यह नियत काल में होती है। इसे न तो पूर्णिमा से पहले दिन मनाया जा सकता है और न ही दूसरे दिन। नियत काल में होने वाले त्योहारों पर भद्रा को छोड़कर ग्रहण के सूतक का असर नहीं होता। ठीक उसी तरह, जिस तरह होली पर ग्रहण का दोष नहीं लगता।

इस श्लोक के अनुसार आप सूतक लगने के बाद भी राखी बांध सकते है। बस इस बात का ध्यान रखें कि राखी राहुकाल के समय न बांधे। रक्षाबंधन के दिन राहुकाल सुबह 7 बजकर 27 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।  

अगली स्लाइड में जाने शुभ मुहूर्त

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