Tuesday, April 30, 2024
Advertisement

शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण, इस दुर्लभ संयोग में कीजिए ये अचूक उपाय, मेहरबान होंगे शनिदेव

शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का संयोग और साथ ही मेष राशि में त्रिग्रही योग इस अमावस्या को खास बना रहा है। कुछ उपाय जबरदस्त असर करेंगे।

Vineeta Vashisth Edited by: Vineeta Vashisth
Published on: April 29, 2022 13:31 IST
surya grahan on shani amavasya- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV surya grahan on shani amavasya

साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लग रहा है। इसी दिन शनैश्वचरी अमावस्या भी है। अमावस्या के साथ साथ सूर्य ग्रहण लगना अपने आप में संयोगकारी है। शनि अमावस्या के दिन ही मेष राशि में सूर्य, चंद्रमा और राहु की युति से त्रिग्रही योग नामक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है और इसका असर लगभग हर राशि पर देखने को मिल सकता है। हालांकि भारत में ये सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और सूतक काल नहीं होगा लेकिन इतना तय है कि सूर्य ग्रहण के मौके पर शनिदेव की दृष्टि लगभग हर राशि के जातक के लिए अलग अलग फल ला सकती है।

ऐसे में कुछ आसान से ज्योतिषीय उपाय करके आप शनि अमावस्या के साथ साथ सूर्य ग्रहण के दोष से भी मुक्ति पा सकते हैं। इन आसान उपायों की मदद से सूर्य ग्रहण भी आप पर भारी नहीं पड़ेगा और शनिदेव की कुपित दृष्टि भी आपके लिए राहत भरी हो जाएगी।

चलिए जानते हैं कुछ उपाय जिन्हें करके सूर्य ग्रहण वाली शनि अमावस्या पर आप शनिदेव को प्रसन्न कर  सकते हैं - 

शनि अमावस्या के उपाय, ताकि आप पर प्रसन्न हो जाएं शनिदेव

छाया दान करें - अमावस्या के दिन सरसों के तेल को एक पात्र में लेकर अपना चेहरा देखिए और उस  तेल को दान कर दीजिए। इसे छाया दान कहा जाता है और अमावस्या के दिन किया गया ये उपाय आपको शनि दोष से राहत दिलाएगा। आप शनि अमावस्या के दिन काला छाता, काले जूते और काली उड़द की दाल का दान गरीबों और जरूरतमंदों को करेंगे तो जरूर असर होगा।

नीले रंग का फूल -शनि अमावस्या के दिन शनि देव की साढ़ेसाती से राहत पानी है तो शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को सरसों का तेल, काला तिल अर्पित करें। साथ ही उन्हें नीले रंग का फूल अवश्य चढ़ाएं। शनिदेव को नीला रंग पसंद है और अमावस्या पर नीले रंग के फूल अर्पित करने पर शनिदेव जरूर प्रसन्न होंगे। 

शनि मंत्र का जाप - अगर आपकी राशि पर शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती का  प्रभाव है या फिर आने वाले दिनों में होने वाला है तो आपको शनि अमावस्या से ही हर शनिवार शनि मंत्र ( ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:) और आरती का जाप शुरू कर देना चाहिए। ये शनि की साढ़ेसाती और ढैया के दौरान भी राहत देता है।

शनि की महादशा से राहत पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में सूर्यास्त के बाद बैठकर शनि मंत्र का जाप करें। इस दौरान आंखें नीचे होनी चाहिए और सिर पर कपड़ा जरूर होना चाहिए। इसके बाद सरसों के तेल के दीपक को जलाकर शनि की आरती करें और पीठ ना दिखाते हुए बाहर की तरफ चले आएं।

शनिवार के व्रत करें - शनि अमावस्या से शुरू करते हुए शनिवार के व्रत किए जा सकते हैं। ये व्रत 19 और 51 शनिवार तक रखे जा सकते हैं। 

पीपल की जड़ की पूजा - शनि अमावस्या को एक बर्तन में पानी, दूध, चीनी, काला तिल और गंगाजल भरकर रख लें। अब शनि मंत्र के जाप के बाद पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके पीपल की जड़ में इसे चढा दीजिए और बिना देखे घर लौट आइए। 

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement