अरुणाचल प्रदेश-
अरुणाचल प्रदेश भारत का वह प्रदेश है जहां सबसे पहले सूर्योदय होता है। प्रांत की 60 प्रतिशत भूमि पर जंगल हैं। कई नदियां व नाले जलक्रीड़ा का निमंत्रण देते हैं। ऊंचे पर्वत, वन्य प्राणी, दुर्लभ जड़ी-बूटियां व सुंदर दृश्य राज्य की धरोहर हैं। शायद यही ऐसा प्रदेश है जहां एक ही क्षेत्र में तेंदुआ और क्लाउडेड तेंदुआ पाए जाते हैं।
अनूठी संस्कृति और वेशभूषा-
प्राकृतिक सौंदर्य और अनूठी संस्कृति का धनी प्रदेश है छोटा सा नगालैंड। कला और शिल्प में दक्ष, संगीत और नृत्यप्रेमी तथा एक अलग प्रकार की वेशभूषा वाले सुंदर जनजातीय नागा लोगों से मिलना विचित्र अनुभव है।
त्योहार-
मणिपुरी लोग वर्ष भर कोई न कोई त्योहार मनाते रहते हैं। निंगोल, ईद, रमजान, चाकाउबा, कुकी-चिन-मिजो त्योहार, क्रिसमस तथा अन्य कई प्रमुख त्योहार हैं। गीत-नृत्य इनकी जीवनशैली है। जो आपको ईा अपनें रंग में रंग लेगी।
मठ-
अरूणाचल प्रदेश का पापुम पेर बहुत ही खूबसूरत स्थान है। इसका मुख्यालय यूपिया में स्थित है। यह ईटानगर से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। पापुम पेर हिमालय की तराई में बसा हुआ है। इस कारण पर्यटक यहां पर अनेक चोटियों को देख सकते हैं। चोटियों के अलावा पर्यटक यहां पर अनेक जंगलों, नदियों और पर्यटक स्थलों को भी देख सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा मठ तवंग है।
सबसे बड़ा नदी का तट-
असम की नदी की तट जिसे मजुली कहते है। दुनिया का सबसे ज्यादा जगह वाला तट है।
झील औऱ गुफाए-
देखा जाए तो मेघालय घूमना वास्तव में संस्कृति, प्रकृति, लोग और भाषा के बीच से होकर गुजरना है। मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्राकृतिक नजारों के कारण लोग मिजोरम को भी बेहद खूबसूरत जगह मानते हैं। मिजोरम के आकर्षणों में मुरलेन नेशनल पार्क और डम्पा टाइगर रिजर्व प्रमुख है। इसके अलावा यहां के झील और पालक दिल, ताम दिल और वनतावंग जलप्रपात भी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर खींचता है।
मंदिर-
अगर आप धार्मिक प्रवृत्ति के है तो इन राज्यों में आपको हजारों मंदिर मिल जाएगें जिनकी अपनी एक खाशियत है। जहां पहुंचकर आप दुनिया की मोह माया से छूटकारा पा लेगें। जिनकी अपनी एक अलग ही प्रसिद्दि है। यहां के हर एक मंदिर के पीछें की रोचक कथा आपको सुननें को मिलेंगी।