Thursday, May 02, 2024
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भोजशाला के विवादित परिसर में मंदिर है या मस्जिद, ASI सर्वे से सामने आएगी सच्चाई, हाई कोर्ट से मिली मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश में भोजशाला/धार का एएसआई सर्वेक्षण के हाई कोर्ट ने अनुमति दे दी है।

Mangal Yadav Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: March 11, 2024 17:39 IST
 भोजशाला के ASI सर्वे को हाई कोर्ट से मिली मंजूरी- India TV Hindi
Image Source : FILE भोजशाला के ASI सर्वे को हाई कोर्ट से मिली मंजूरी

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सोमवार को धार जिले में भोजशाला के विवादित स्मारक पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नेतृत्व में सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी। इसके बारे में दावा किया गया था कि यह देवी वाग्देवी का मंदिर है। इससे पहले, 19 फरवरी को एक हिंदू संगठन ने हाई कोर्ट याचिका दाखिल कर भोजशाला के विवादित स्मारक की एएसआई सर्वे कराने की मांग की थी। 

 मुस्लिम पक्ष ने किया था विरोध

केंद्र सरकार की एजेंसी एएसआई ने हाई कोर्ट की इंदौर पीठ को बताया कि उसे परिसर की सर्वेक्षण की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने याचिका का विरोध किया। न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की पीठ ने सभी संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। 

क्या कहते हैं वकील

 भोजशाला मंदिर में ASI सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के फैसले पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज इंदौर हाईकोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दिया है। अदालत ने ASI के निदेशक या अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में ASI सदस्यों की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जाए और छह सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की जाए। 1991 का पूजा स्थल अधिनियम यहां लागू नहीं होता है क्योंकि यह एक ASI-संरक्षित स्मारक है और इसलिए इसे 1991 के अधिनियम से छूट प्राप्त है। 

क्या है पूरा विवाद

बता दें कि भोजशाला एक एएसआई-संरक्षित स्मारक है, जिसे हिंदू देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद मानता है। 7 अप्रैल 2003 को जारी एएसआई के एक आदेश के अनुसार, हिंदुओं को हर मंगलवार को भोजशाला परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को हर शुक्रवार को साइट पर नमाज अदा करने की अनुमति है। 

 

याचिका में कही गई हैं ये बातें

याचिका में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने कहा कि एएसआई निदेशक को समयबद्ध तरीके से लगभग 1,000 साल पुराने भोजशाला परिसर की वैज्ञानिक जांच/सर्वेक्षण/खुदाई/ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण करने के लिए कहा जाना चाहिए और अदालत को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हिंदू संगठन ने अपने दावे के समर्थन में कहा कि भोजशाला एक सरस्वती मंदिर है।  हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय के समक्ष परिसर की रंगीन तस्वीरों का एक गुच्छा प्रस्तुत किया है। 

 

 

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