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मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री ने कान पकड़कर लगाई उठक बैठक, सामने आया VIDEO, जानें वजह

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कान पकड़कर उठक बैठक लगाई। इसका वीडियो भी सामने आया है। मामला शाजापुर जिले के शुजालपुर में सीएम राइज स्कूल का है।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Feb 04, 2025 20:59 IST, Updated : Feb 04, 2025 20:59 IST
Inder Singh Parmar
Image Source : INDIA TV उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार

शाजापुर: मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक अनोखा नजारा सामने आया। यहां के एक स्कूल में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कान पकड़कर उठक बैठक लगाई। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मंत्री उठक बैठक लगाते हुए दिख रहे हैं। 

क्या है पूरा मामला?

शाजापुर जिले के शुजालपुर में सीएम राइज स्कूल में आज एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने उठक बैठक लगाकर स्कूली दिन याद किए। अलग-अलग शहर से पूर्व छात्र सम्मेलन में आए कई उद्योगपति, शिक्षक, सेवानिवृत कर्मचारी कान पकड़कर उठक बैठक लगाते दिखे और क्लास रूम में टेबल बजाकर गाना गाते नजर आए।

शुजालपुर के पहले हाई स्कूल की स्थापना वर्ष 1931 में श्री राम मंदिर के पीछे हुई थी, जिसे लाल स्कूल के नाम से जाना जाता है। साल 1957 में वर्तमान सीएम राइज स्कूल में हाईस्कूल की कक्षाएं लगने लगीं। यहां आज मंगलवार को पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया।

आयोजन से पहले स्कूल परिसर में कोई 67 साल बाद आया था, तो कई लोग 85 की उम्र में लकड़ी के सहारे इस यादगार आयोजन में साथियों से मिलने पहुंचे। क्लास रूम में शिक्षकों द्वारा दी जाने वाली सजा 'कान पकड़कर उठक बैठक' लगाने को याद किया गया और पूर्व छात्रों ने शिक्षकों के नाम लेकर अमर रहे के नारे लगाए।

गीत गुनगुनाने के साथ सेल्फी लेने, ग्रुप फोटो निकलवाने का उत्साह रहा। प्रोफेसर एमआर नालमें ने बताया कि साल 1951 में उनकी हाईस्कूल क्लास में 19 लड़के थे, तब सेकंड डिविजन पास होना भी बहुत बड़ी बात होती थी। उन्होंने बताया साल 1957 में स्कूल इस भवन में लगने लगा था।

1 जनवरी 1957 को एडमिशन लेने वाले श्री राम शर्मा बताते हैं कि उनकी तीन पीढ़ियां इसी शिक्षा स्थल से पढ़ी हैं। वे इस स्कूल के छात्र और शिक्षक दोनों रहे हैं। मंत्री परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति से बड़ा परिवर्तन आने वाला है, अब भारत में शिक्षक बाय चांस नहीं, बल्कि बाय चॉइस बनेंगे। मंत्री परमार ने कहा कि भारत ने आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, शल्य चिकित्सा, गणित, संस्कृति, संस्कार हर क्षेत्र में विश्व को मार्गदर्शित किया है, इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा जाता है। (इनपुट: विनोद जोशी)

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