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इंदौर में नोटा ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पहली बार पड़े इतने वोट; जानें कहां है बीजेपी

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में नोटा पर जमकर वोट पड़ रहे हैं। यही वजह है कि नोटा पर अब तक के सबसे ज्यादा वोट इंदौर में पड़े हैं। नोटा ने पिछली बार के चुनाव में गोपालगंज (बिहार) में पड़े सबसे ज्यादा वोटों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

Edited By: Amar Deep
Published : Jun 04, 2024 11:17 IST, Updated : Jun 04, 2024 11:43 IST
इंदौर में नोटा को मिले रिकॉर्ड वोट।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंदौर में नोटा को मिले रिकॉर्ड वोट।

इंदौर: देश भर में सात चरणों के लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद आज वोटों की गिनती हो रही है। इस बीच मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल, यहां पर नोटा को अब तक के सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। इसके साथ ही इंदौर में ‘नोटा’ (उपरोक्त में से कोई नहीं) ने बिहार के गोपालगंज का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अभी तक नोटा ने 90,257 वोट हासिल कर लिए हैं। 

गोपालगंज में मिले थे सबसे ज्यादा वोट

बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘नोटा’ को बिहार की गोपालगंज सीट पर सर्वाधिक वोट मिले थे। तब इस क्षेत्र के 51,660 मतदाताओं ने ‘नोटा’ का विकल्प चुना था और कुल मतों में से करीब पांच प्रतिशत वोट ‘नोटा’ के खाते में गए थे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ‘नोटा’ के बटन को सितंबर 2013 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में शामिल किया गया था। 

बीजेपी प्रत्याशी लालवानी आगे

वहीं इंदौर सीट की बात करें तो यहां निवर्तमान सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार शंकर लालवानी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संजय सोलंकी से 3,60,546 वोटों से आगे हैं। यहां पर भाजपा प्रत्याशी लालवानी को अब तक कुल 5,24,320 वोट मिले हैं। इसके साथ ही लालवानी इस सीट पर रिकॉर्ड जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जहां कुल 14 उम्मीदवारों के बीच चुनावी टक्कर है। 

कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस लिया था नामांकन

दरअसल, इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था। इसके तुरंत बाद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर ‘नोटा’ का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं। (इनपुट- भाषा)

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