Friday, March 29, 2024
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मुंबई के झुग्गीवासी को बड़ा तोहफा, चुनाव से पहले सरकार ने घर देने का किया ऐलान

महाराष्ट्र सरकार ने स्लम रिहैबिलिटेशन योजना के दौरान 1 जनवरी 2000 से 1 जनवरी 2011 तक झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए फैसला लिया है।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Malaika Imam Published on: May 25, 2023 23:58 IST
एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र के शिंदे-फडणवीस सरकार ने मुंबई के झुग्गियों में रह रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। झुग्गी पुनर्वास योजना के तहत अब 2.5 लाख रुपये में 2011 तक के वैध लोगों घर मिलेगा। मुंबई बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए शिंदे-फडणवीस सरकार ने मुंबई के झुग्गी-झोपड़ी वालों को ये तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने वर्ष 2000 से वर्ष 2011 तक झुग्गी झोपड़ी वालों को एसआरए (SRA) में घर देने का फैसला लिया। हालांकि, इसके लिए झोपड़ीधारकों को चार्ज देना होगा। सरकार ने सशुल्क पुनर्विकास की पॉलिसी को मंजूरी दी है।

फ्लैट की कीमत ढाई लाख रुपये 

झोपड़ी की जगह सिर्फ 2 लाख 50 हजार रुपये में घर मिलेगा। सरकार ने पुनर्वास फ्लैट की कीमत ढाई लाख रुपये तय की है। सरकार ने GR जारी किया। सरकार ने स्लम रिहैबिलिटेशन योजना के दौरान 1 जनवरी 2000 से 1 जनवरी 2011 तक झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए फैसला लिया है। सरकार ने 16 मई 2018 को पुनर्वास पर पॉलिसी जारी की थी, लेकिन कितने रुपये का शुल्क होगा, इसके लिए एक उपसमिति बनाई। इस उपसमिति ने ढाई लाख रुपये शुल्क तय किया और सरकार को शिफारिश भेजी, जिसके आधार पर सरकार ने जीआर जारी कर ये फैसला लिया। 

20 लाख घर बनाने की योजना थी

महाराष्ट्र में तत्कालीन शिवसेना-बीजेपी की सरकार ने 1995 में मनोहर जोशी के नेतृत्व में सभी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को मुफ्त घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से SRA की स्थापना की थी। उस समय झुग्गियों  में रहने वाले मुंबई के 40 लाख परिवारों के लिए 20 लाख घर बनाने की योजना थी। परियोजना के तहत 1995 से पहले बनी झुग्गियों की जगह पक्के मकान बनाए जाने थे।

सवा लाख परिवारों का पुनर्वास

महाराष्ट्र आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक, SRA ने 1995 से अगस्त 2021 तक केवल 2067 परियोजनाओं को पूरा किया और करीबन सवा लाख परिवारों का पुनर्वास किया। राज्य सरकार के इस फैसले को बीजेपी ने मुंबई निवासियों को दीवाली मनाने वाला फैसला बताया। इस फैसले से मुंबई महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी शिवसेना को फायदा होगा। अंदेशा है कि इस वर्ष के अक्टूबर-नवंबर में स्थानीय नगर निगम चुनाव हो सकते हैं। इन चुनावो में बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। 227 पार्षदों वाली बीएमसी पर दो दशकों से ऊद्धव ठाकरे के शिवसेना की सत्ता रही है।

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