30 Per cent retailers may shut shop in 6 months if no government support: RAI
नई दिल्ली। सरकार ने यदि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच भारतीय खुदरा कारोबारियों को मदद नहीं मुहैया कराई तो लगभग 30 प्रतिशत खुदरा कारोबार बंद हो जाएंगे। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के सीईओ राजगोपालन ने आईएएनएस से कहा खुदरा कारोबार फरवरी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और पिछले महीने यह सामान्य कारोबार का 50-60 प्रतिशत था और मार्च में यह लगभग शून्य हो गया है।
आरएआई सीईओ राजगोपालन ने कहा, "परिदृश्य बहुत खराब दिखता है, और मुझे लगता है कि यदि यह स्थिति लगातार जारी रही तो अधिकांश खुदरा कारोबारी बहुत अधिक परेशानी में होंगे।" राजगोपालन ने कहा कि खुदरा कारोबारियों को प्रतिदिन भुगतना पड़ रहा है और ऐसे में उनका खर्च कैसे चले। किराए की लागत उनकी आय का लगभग आठ प्रतिशत और वेतन लागत आय का लगभग सात-आठ प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि उन्हें आपूर्तिकर्ताओं को भी भुगतान करना पड़ता है और भुगतान अभी लंबित हैं, लेकिन उनके पास इसके लिए कोई आमदनी नहीं है। आरएआई के सीईओ ने कहा, "उनके 85 प्रतिशत खर्च फिक्स हैं। यदि सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किए तो मैं समझता हूं कि 30 प्रतिशत खुदरा कारोबारी अगले छह महीने में बाजार से बाहर हो जाएंगे।"
राजगोपालन ने कहा कि उनकी संस्था ने प्रोत्साहन पैकेज के लिए सररकार को पत्र लिखा है कि खुदरा कारोबारियों का व्यापार जारी रखने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने की जरूरत है, जैसे किराए में सब्सिडी और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान। देश में खुदरा उद्योग में लगभग 60 लाख लोग कार्यरत हैं, और राजगोपालन के अनुसार उनमें से अधिकांश इस समय संकट में हैं। उन्होंने कहा, "इनमें से कई लोगों को इस महीने का और संभवत: अगले महीने का भी वेतन मिलेगा, लेकिन उसकी कीमत खुदरा कारोबारी चुकाएंगे। उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि दो-तीन महीनों के वेतन का भार उठा सकें।" उन्होंने कहा, "हमने सरकार से संपर्क किया है और किराए के लिए, वेतन भुगतान के लिए किसी तरह की सब्सिडी मांगी है और ऋण भुगतान पर कुछ समय के लिए रोक लगाने का भी आग्रह किया है।"







































