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उबर के बाद जुगनू ने ओला पर अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाया

टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी उबर के बाद ऑटो बुकिंग एप जुगनू ने भी ओला पर कारोबार को नुकसान पहुंचाने के लिए अनैतिक व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: March 25, 2016 10:33 IST
ओला की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, उबर के बाद जुगनू ने भी कारोबार को नुकसान पहुंचाने का लगाया आरोप- India TV Paisa
ओला की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, उबर के बाद जुगनू ने भी कारोबार को नुकसान पहुंचाने का लगाया आरोप

नई दिल्ली। एप आधारित टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी उबर के बाद ऑटो बुकिंग एप जुगनू ने भी ओला पर कारोबार को नुकसान पहुंचाने के लिए अनैतिक व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया है। कंपनी ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि ओला अनैतिक व्यवहार जारी रखती है कि तो वह उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। इससे पहले उबर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ओला से जवाब मांगा है। उबर ने आरोप लगाया कि ओला कथित रूप से राइड बुक करने के लिए फर्जी खाते बना रही है और बाद में वह बुकिंग को रद्द कर देती है। उबर ने इसके लिए ओला से 49.61 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की है।

ओला पर फर्जी अकाउंट बनाने का आरोप

जुगनू के सह-संस्थापक और सीईओ समर सिंगला ने एक बयान में कहा, हमें करीब 10 दिन पहले यह रुख देखने को मिला जब अचानक बुकिंग में तेजी आई और निरस्तीकरण की दर समान रूप से ऊंची थी। हमने उन इलाकों की मैपिंग करनी शुरू की जहां से बुकिंग की जा रही थी और देखने में आया कि ये काम ओला के कार्यालय परिसर के पास से किया जा रहा था। जुगनू का आरोप है कि ओला के कर्मचारी पिछले 10 दिनों से जुगनू के एप पर बुकिंग और निरस्तीकरण के लिए फर्जी अकाउंट बनाते रहे हैं। इससे न केवल आय का नुकसान हुआ, बल्कि ऑटो रिक्शा ड्राइवरों की आय एवं दैनिक आधार पर बोनस भी प्रभावित हुआ। बयान में कहा गया कि इस अवधि में 800 फर्जी खातों के जरिए करीब 20,000 निरस्तीकरण किए गए हैं।

ओला के खिलाफ कोर्ट पहुंचा उबर

जुगनू से पहले उबर फर्जी अकाउंट बनाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच चुकी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने ओला नाम से कैब सेवा चलाने वाली एएनआई टैक्नोलॉजीज से उसकी प्रतिद्वंद्वी उबर की याचिका पर जवाब मांगा है। उबर ने याचिका में आरोप लगाया है कि ओला के कर्मचारियों ने भारत भर में 93,000 फर्जी खाते बनाए हैं। इसके जरिये वे ओला के प्लेटफार्म पर कैब बुक कराने के बाद बुकिंग रद्द कर देते हैं। इससे उबर को बुकिंग रद्द करने का शुल्क देना पड़ता है। उबर ने दावा किया कि उसने बुकिंग रद्द करने के शुल्क पर अब तक पांच लाख रुपए खर्च किए है।

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