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पीएम मोदी ने कहा कोल सेक्टर को लॉकडाउन से मिली मुक्ति, 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू

कोयला मंत्रालय गुरुवार को वाणिज्यिक खनन के लिये 41 कोयला ब्लाक की नीलामी के लिये प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 18, 2020 11:54 IST
PM Modi- India TV Paisa
Photo:FILE

PM Modi

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की आज शुरुआत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम कोयला खदानों को लॉकडाउन से बाहर निकाल रहे हैं। भारत कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन भारत कोयले को आयात भी करता है। उन्होंने यूपीए के समय में हुए कोयला घोटाले का ध्यान दिलाते हुए कहा कि पहले कोयला सेक्टर में बड़े बड़े घोटाले हुए। जिसके कारण इस क्षेत्र में निवेश नहीं आया। उन्होंने कहा कि जल्द की भारत एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि अब कोयला सेक्टर पूरी तरह से खुल गया है। निजी क्षेत्र अब कोयले के क्षेत्र में बड़ा निवेश कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कोयला सेक्टर में बड़े सुधारों की मांग दशकों से की जा रही है। अब सरकार के कदम से इस क्षेत्र में नया निवेश आएगा और लाखों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। इस मौके पर कोयला और खान मंत्री प्रहलाद जोशी भी मौजूद हैं। 

पीएम ने कहा कि भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है, दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन भारत कोयले का दूसरा सबसे बड़ा आयातक भी है। करोड़ों भारतीयों के मन में यही सवाल उठता रहा है कि ये विडंबना क्यों है। दशकों से कोयला क्षेत्र को कैप्टिव और नॉन कैप्टिव के जाल में बांध कर रखा गया था। इन्हें कॉम्पटीशन से बाहर रखा गया। घोटालों के चलते देश के कोल सेक्टर में निवेश भी कम होता था और इसकी कार्यक्षमता पर भी सवाल रहता है। 

कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन कोयला ब्लाक की वाणज्यिक खनन में अगले पांच से सात साल में करीब 33,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। ये ब्लाक राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व देंगे। मंत्रालय ने कहा कि कोयला खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया की शुरूआत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का हिस्सा है। बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और और खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने के अपने दृष्टिकोण को रखेंगे। खनन क्षेत्र बिजली, इस्पात, एल्युमीनियम, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का मुख्य स्रोत है।’’ 

Coal Mining

Image Source : FILE
Coal Mining

बयान के अनुसार, ‘‘कोयेला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिये कोयला मंत्रालय उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर 41 कोयला खदानें की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर रहा है...।’’ ये खदान 22.5 करोड़ टन उत्पादन की क्षमता रखते हैं। इसके आधार पर सरकार का कहना है कि ये खदान देश में 2025-26 तक अनुमानित कुल कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिश्त का योगदान देंगे।’’ इससे सीधे एवं परोक्ष रूप से 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसमें सीधे तौर पर करीब 70,000 लोगों को रोजगाार मिलने की उम्मीद है। 

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह नीलामी प्रक्रिया कोयला क्षेत्र को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की एक शुरूआत है। इससे देश ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्म निर्भर होगा और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।’’ कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी संबोधित करेंगे। सरकार ने पिछले महीने राजस्व हिस्सेदारी आधार पर वाणिज्यिक खनन के तौर-तरीकों को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया था।

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