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ऋण चुकाने के लिए 2,000 अरब रुपए की संपत्तियों की बिक्री करैंगी कंपनियां

SBI की शोध शाखा का मानना है कि पुराने कर्ज को निपटाने की प्रक्रिया के तहत भारतीय उद्योग 2,000 अरब रुपए की परिसंपत्तियों की बिक्री करेंगे।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: June 01, 2016 17:50 IST
बैंकों ने बनाया कंपनियों पर कर्ज चुकाने का दवाब, उद्यमी कर रहे हैं 2,000 अरब रुपए की संपत्तियां बेचने की कोशिश- India TV Paisa
बैंकों ने बनाया कंपनियों पर कर्ज चुकाने का दवाब, उद्यमी कर रहे हैं 2,000 अरब रुपए की संपत्तियां बेचने की कोशिश

मुंबई। बैंकों द्वारा कंपनियों पर डूबे कर्ज के निपटान के लिए गैर प्रमुख संपत्तियों की बिक्री के लिए दबाव डाला जा रहा है। ऐसे में SBI की शोध शाखा का मानना है कि पुराने कर्ज को निपटाने की प्रक्रिया के तहत भारतीय उद्योग 2,000 अरब रुपए की परिसंपत्तियों की बिक्री करेंगे। एक नोट में इसने कहा है, हमारा अनुमान है कि कर्ज के बोझ से दबी कंपनियों द्वारा 2 लाख करोड़ रुपए की संपत्तियों की बिक्री या तो पाइपलाइन में है या फिर उसे पहले ही पूरा किया जा चुका है। इन कंपनियों पर करीब 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।

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नोट में कुछ हालिया उदाहरण दिए गए हैं, जिनमें सांघी इंडस्ट्रीज, इंडो काउंट इंडस्ट्रीज, गिन्नी फिलामेंट्स तथा हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स जैसी कंपनियां कॉरपोरेट कर्ज पुनर्गठन की प्रक्रिया से निकल गई हैं। इस मामले में इन कंपनियों की मददगार अल्ट्राटेक, पीरामल तथा सनफार्मा के प्रवर्तक रहे। वर्ष 2015 में करीब 270 कंपनियों का कर्ज बोझ 47,813 करोड़ रुपए घटा है।

SBI रिसर्च के नोट में कर्ज के बोझ से दबे लैंको समूह द्वारा अपने कर्ज को घटाने के लिए संपत्तियों की बिक्री का जिक्र किया गया है। समूह ने 2015-16 में अपना उदुपी संयंत्र 6,300 करोड़ रुपए में बेचा। इसके अलावा समूह 25,000 करोड़ रुपए की बिजली संपत्तियों की बिक्री का भी प्रयास कर रहा है। इससे वह अपने कर्ज में करीब 18,000 करोड़ रुपए की कमी कर सकेगा। नोट में कहा गया है कि ऊंचे ऋण वाले क्षेत्रों मसलन बिजली, बुनियादी ढांचा, इस्पात और रीयल्टी क्षेत्र की कंपनियां अब तेजी से संपत्तियों की बिक्री करने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा कई विदेशी कंपनियां भी निवेश ला रही हैं जिससे वे भारत में अपनी उपस्थिति मजबूत कर सकें।

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