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अदालत ने माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के बारे में अपना फैसला सुरक्षित रखा

माल्या मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गैर-जमानती वारंट जारी करने के अनुरोध वाली याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला 18 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: April 17, 2016 11:26 IST
मनी लॉन्ड्रिंग मामला: माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने पर 18 अप्रैल को होगा फैसला- India TV Paisa
मनी लॉन्ड्रिंग मामला: माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने पर 18 अप्रैल को होगा फैसला

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत के समक्ष कहा कि शराब व्यवसायी विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए आईडीबीआई से लिए गए 950 करोड़ रुपए के कर्ज में से 430 करोड़ रुपए विदेश में संपत्ति खरीदने में लगाए। ईडी की गैर-जमानती वारंट के अनुरोध वाली याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जांच एजेंसी के आईडीबीआई बैंक के साथ माल्या की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गैर-जमानती वारंट जारी करने के अनुरोध वाली याचिका पर विशेष न्यायाधीश पी आर भावके ने अपना फैसला 18 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

माल्या फिलहाल ब्रिटेन में हैं और उन पर आईडीबीआई के 950 करोड़ रुपए के कर्ज के एक हिस्से का इस्तेमाल दूसरे कार्यों में करने का आरोप है। कारोबारी ने यह कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था। ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने अदालत से कहा, हमने पाया है कि 950 करोड़ रुपए के कर्ज में से 430 करोड़ रुपए का उपयोग भारत के बाहर संपत्ति खरीदने में किया गया। वह जांच से बचना चाहते हैं और इसीलिए गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है ताकि उन्हें ब्रिटेन से यहां लाया जा सके। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से आईडीबीआई से कर्ज लिए गए, उसका इस्तेमाल उस हिसाब से नहीं किया गया।

ईडी के वकील ने कहा कि पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून) अदालत ने माल्या के खिलाफ 10 मार्च, 18 मार्च और दो अप्रैल को तीन समन जारी किए और उनसे मामले में उपस्थित होने को कहा। हालांकि माल्या ने ई-मेल के जरिए ईडी को सूचित किया कि वह यूरोप में अपने कुछ कार्यों की वजह से जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते और साथ ही वह अपने कर्ज के भुगतान के लिए धन की व्यवस्था करने में लगे हैं। एजेंसी के वकील ने गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सभी ई-मेल में माल्या ने उपस्थित होने के लिये समय मांगा और वह जांच की प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं। अदालत 60 वर्षीय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों की जांच कर रहे ईडी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

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