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नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ने से जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत तक पहुंचेगी: मेघवाल

अर्जुन राम मेघवाल ने बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार दिया। इससे जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत तक पहुंचेगी।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: December 04, 2016 14:45 IST
नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ने से जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत तक पहुंचेगी: मेघवाल- India TV Paisa
नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ने से जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत तक पहुंचेगी: मेघवाल

नई दिल्ली। वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार दिया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से देश में आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा। आने वाले समय में जीडीपी ग्रोथ दर 2 प्रतिशत बढ़कर 10 प्रतिशत के स्तर तक पहुंचेगी।

मेघवाल ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों से अपील की कि नोटबंदी पर सदन में चर्चा करें, सकारात्मक सुझाव दें। सरकार इन सुझावों पर खुले मन से विचार करने को तैयार है क्योंकि यह कदम गांव, गरीब, किसानों और आम लोगों के हित में है।

अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, कुछ अर्थशास्त्रियों ने नोटबंदी के बाद दो तिमाही में जीडीपी में कुछ मंदी आने की बात कही है। मेरा मानना है कि इस फैसले से आने वाले समय में जीडीपी ग्रोथ दर में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी आएगी और यह (जीडीपी वृद्धि दर) 10 प्रतिशत तक जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसे धन संबंधी लेनदेन और कार्य हैं जो आर्थिक गतिविधियों के रूप में नहीं लिये जाते हैं। नोटबंदी के फैसले के पूरी तरह लागू होने के फलस्वरूप आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा और इसके कारण आने वाले समय में जीडीपी में 2 प्रतिशत की ग्रोथ होगी ऐसा हमारा अनुमान है।

नोटबंदी का फैसला लागू करने को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बहुत बड़ा कुप्रबंधन और कानूनी लूट खसोट बताए जाने पर कड़ा एजराज व्यक्त करते हुए मेघवाल ने कहा कि मनमोहन सिंह, भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार से लेकर रिजर्व बैंक के गर्वनर, वित्त मंत्री और 10 वर्षो तक देश के प्रधानमंत्री रहे। सिंह ने इतने वर्षो तक आरबीआई, वित्त मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय जैसे अहम पदों का दायित्व संभाला। मेरी समझ में यह नहीं आ रहा है कि इतने दफा इन मान्यूमेंट में बैठने के बाद वे इन्हें ठीक क्यों नहीं कर पाये ।

उन्होंने कहा कि 86 प्रतिशत करेंसी जिन्हें अमान्य किया गया है, वह गरीब आदमी के पास तो नहीं थी। अगर यह मुद्रा सर्कुलेशन में वापस आती है, तो इसे लूट कैसे कहा जा सकता है। मेघवाल ने कहा, लूट तो 2जी घोटाला, कोयला घोटाला, राष्ट्रमंडल घोटाला था जिसमें कई लाख करोड़ रूपए की लूट हुई थी।

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