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देश में ईंधन की मांग में लगातार सुधार, मई के मुकाबले जून में 11% बढ़ी मांग

ईंधन की कुल मांग अभी कोविड-19 से पूर्व के स्तर के 92 प्रतिशत पर पहुंची

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 10, 2020 17:27 IST
Fuel demand recover- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Fuel demand recover

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद ईंधन की मांग में सुधार जारी है। पूर्ण लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में ईंधन की मांग 13 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। मई के आखिर से प्रतिबंधों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं, जिससे ईंधन की मांग गढ़ रही है। ईंधन की मांग बढ़ने की एक और वजह यह है कि इस महामारी के डर से अब ज्यादा से ज्यादा लोग सार्वजनिक के बजाय निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार जून में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत मई की तुलना में 11 प्रतिशत बढ़कर 1.62 करोड़ टन पर पहुंच गई। हालांकि, यह जून, 2019 की तुलना में 7.8 प्रतिशत कम है। पिछले साल जून में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 1.76 करोड़ टन रही थी। अप्रैल में ईंधन की मांग घटकर 99.3 लाख टन पर आ गई थी। यह 2007 के बाद इसका सबसे निचला स्तर रहा है।

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद लागू किया गया था। आर्थिक गतिविधियां रुक गई थीं, और ज्यादातर वाहन खड़े हो गए थे। कुल मिलाकर ईंधन की मांग अभी कोविड-19 से पूर्व के स्तर के 92 प्रतिशत पर पहुंची है। सबसे ज्यादा उपभोग वाले ईंधन डीजल की मांग सामान्य के 84.5 प्रतिशत तथा पेट्रोल की मांग सामान्य के 86.4 प्रतिशत पर है। जून में डीजल की खपत 63 लाख टन रही, जो मई के मुकाबले 14.5 प्रतिशत अधिक है, लेकिन जून, 2019 की तुलना में 15.4 प्रतिशत कम है। जून में डीजल की मांग अप्रैल की तुलना में लगभग दोगुना हो गई है। अप्रैल 2020 में यह 32.5 लाख टन रही थी। आंकड़ों के अनुसार जून में पेट्रोल की बिक्री मई की तुलना में 29 प्रतिशत बढ़कर 22.8 लाख टन पर पहुंच गई। हालांकि, यह एक साल पहले जून, 2019 की तुलना में 13.5 प्रतिशत कम है लेकिन मई 2020 के 9,73,000 टन के आंकड़े की तुलना में यह दोगुना से ज्यादा है। अधिकारियों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की मांग तेजी से बढ़ रही है क्योंकि लोग अब सार्वजनिक वाहनों के बजाय निजी वाहनों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इस दौरान रसोई गैस सिलेंडर यानी एलपीजी की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह यह है कि सरकार कोविड-19 संकट के बीच गरीब परिवारों को एलपीजी मुफ्त उपलब्ध करा रही है। जून में एलपीजी की मांग 15.7 प्रतिशत बढ़कर 20.7 लाख टन रही। अभी काफी सीमित संख्या में उड़ान सेवाएं शुरू हुई हैं। ऐसे में सालाना आधार पर विमान ईंधन एटीएफ की मांग 65.8 प्रतिशत घटकर 2,22,000 टन रह गई। आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू होने के साथ औद्योगिक ईंधन की मांग भी सुधर रही है। सालाना आधार पर नाफ्था की बिक्री 18.2 प्रतिशत बढ़कर 11.6 लाख टन पर पहुंच गई। वहीं ईंधन तेल की खपत जून में 6.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 6,99,000 टन रही। सड़क निर्माण में काम आने वाले बिटूमन की बिक्री 27.5 प्रतिशत बढ़कर 5,06,000 टन पर और पेट्रोलियम कोक की मांग 7.8 प्रतिशत बढ़कर 16 लाख टन पर पहुंच गई।

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