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कृषि कानून पर पूरी तरह अमल से किसानों की आय दोगुनी होगी : सदस्य, नीति आयोग

2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य की घोषणा की गई थी तब उसका आधार वर्ष 2015-16 रखा गया था। सरकार ने सात साल में यानी 2022-23 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : April 04, 2021 18:22 IST
'किसानों की आय बढ़ाने...- India TV Paisa
Photo:PTI

'किसानों की आय बढ़ाने के लिए नए कानून जरूरी'

नई दिल्ली। कृषि सुधार पर विवाद अगर जल्द समाप्त हो और नये कानून पर अमल हो तो देश के किसानों की आमदनी तय समय के भीतर दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं होगा। ऐसा मानना है कृषि अर्थशास्त्र के जानकार और भारत सरकार का पॉलिसी थिंक टैंक, नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद का।

उन्होंने कहा कि 2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य की घोषणा की गई थी तब उसका आधार वर्ष 2015-16 रखा गया था। सात साल में यानी 2022-23 तक इस लक्ष्य को हासिल करना है। बकौल रमेश चंद आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत बिहार और उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में माकूल प्रगति हुई है। कुछ राज्यों को छोड़कर बाकी में इस लक्ष्य को तय समय के भीतर हासिल करना मुश्किल नहीं है।

खाद्य एवं कृषि नीति से जुड़ी अहम समितियों की अध्यक्षता कर चुके प्रोफेसर रमेश चंद का कहना है कि कृषि सुधार की राह में रूकावटें आई हैं। उन्हें जल्द दूर करके अगर नये कृषि कानूनों पर मुक्कमल अमल हो तो निर्धारित समय के भीतर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने को लेकर जो खाका तैयार किया है उस पर प्रकाशित एक पुस्तक पर बात करते हुए उन्होंने कहा, किसानों की आय बढ़ाने के जो पांच-छह स्रोतों का जिक्र किया गया उनमें एक इंस्टीट्यूशनल रिफॉर्म है। इसके तहत प्राइवेट मंडी, डायरेक्ट मार्केंटिंग, कांट्रैक्ट फामिर्ंग, ई-ट्रेडिंग, डायेक्ट सेलिंग टू द कंज्यूमर्स बाई फार्मर्स की बात कही गई है।

मतलब नये कृषि कानूनों में किसानों के लिए सीधे उपभोक्ताओं या प्रसंस्करणकतार्ओं को उपज बेचने समेत जो भी प्रावधान किए गए हैं उसका खाका पहले ही तैयार कर लिया गया था, क्योंकि ये किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य से जुड़े हुए हैं। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की माने तो नये कृषि कानूनों को अमल में लाए बगैर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मार्केटिंग व्यवस्था में सुधार लाने के लिए इससे पहले मॉडल एग्रीकल्चर एक्ट लाया गया जिसको अगर सभी राज्यों में अमल में लाया जाता और जरूरी सुधार किए गए होते तो नये कानून बनाने की जरूरत ही नहीं होती।

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