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Fastag से 1 दिन में जानिए कितना कमाती है सरकार, हाईवे पर ट्रैफिक लौटने से बढ़ा कलेक्शन

भारत इस समय कोविड 19 की दूसरी लहर से बाहर निकलकर दोबारा खड़े होने की कोशिश कर रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : July 05, 2021 9:19 IST
1 दिन में फास्टैग कितना...- India TV Paisa

1 दिन में फास्टैग कितना कमाती है सरकार?

भारत इस समय कोविड 19 की दूसरी लहर से बाहर निकलकर दोबारा खड़े होने की कोशिश कर रहा है। लंबे लॉकडाउन के बाद लोग घर से निकल रहे हैं, कामकाज की ओर लौट रहे हैं। इस बीच हाइवे पर भी ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है। जुलाई में टोल प्लाजा पर फास्टैग कलेक्शन के आंकड़े सरकार को जरूर राहत दे सकते हैं। 

1 जुलाई को हाइवे पर फास्टैग की मदद से 63 लाख ट्रांजेक्शना किए गए, इससे टोल कलेक्शन का आंकड़ा 103 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया। वहीं जून के अंत तक एक दिन में इकट्ठा किया गया टोल का आंकड़ा 97 करोड़ रुपए रहा। जून में सरकार ने 2,576 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन किया। बता दें कि दूसरी लहर आने से पहले टोल मार्च में टोल कलेक्शन 107 करोड़ रुपए के दैनिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। 

जून में 2,576 करोड़ की कमाई

भारत सरकार तेजी से फास्टैग व्यवस्था का विस्तार कर रही है। अब तक 3.45 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। वहीं 780 टोल प्लाजा पर फास्टैग का प्रयोग हो रहा है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 1 जुलाई को 63 लाख फास्टैग का लेनदेन दर्ज हुआ था, वहीं पूरे जून में सरकार ने फास्टैग टोल के जरिए 2,576 करोड़ रुपए  कमाए हैं। यह आंकड़ा मई से 21 प्रतिशत ज्यादा है। अधिकारियों ने बताया है कि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों को छोड़कर फास्टैग लेनदेन में तेजी सामान्य बनी हुई है।

कोविड की वजह से फास्टैग पर पड़ा असर

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर ने हाइवे पर टोल कलेक्शन पर बड़ी चोट मारी थी। मार्च में दूसरी लहर से ठीक पहले तक फास्टैग का इस्तेमाल एक महीने में 19.3 करोड़ लेनदेन के चरम पर पहुंच गया था, लेकिन अप्रैल से जब कोविड के मामले बढ़ने लगे तो ये आंकड़ा लगभग 2,776 करोड़ रुपए के 16.4 करोड़ लेनदेन तक गिर गया था। मई में जब कोविड के एक्टिव केस बढ़ गए थे, तब टैग डेटा ने लगभग 2,100 करोड़ रुपए का 11.6 करोड़ का लेनदेन किया था।

पहली लहर में हुआ था बुरा हाल 

इस बार पिछले साल, पहली लहर के बीच में, FASTag लेनदेन की कुल संख्या लगभग 8 करोड़ थी, जो कि 1,511 करोड़ रुपये थी। पिछले साल सितंबर में, जिसने 26 लाख से अधिक मामलों के साथ पहली लहर की चोटी देखी, राजमार्गों ने 1,940 करोड़ रुपये के 11 करोड़ FASTag लेनदेन देखे।

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