नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से कुल मिलाकर 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है। इस निकासी के पीछे रुपए में कमजोरी, कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी तथा अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में अनिश्चितता जैसी प्रमुख वजह बताई जा रही हैं।
इससे पहले पिछले महीने विदेशी निवेशकों ने शेयरों में 11,654 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जबकि ऋण बाजारों से 9,000 करोड़ रुपए की निकासी की थी। वहीं फरवरी महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने देश के पूंजी बाजारों (इक्विटी व ऋण) से 11,674 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की थी।
नवीनतम डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार 2 से 27 अप्रैल के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 5,552 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की है। वहीं इस दौरान ऋण बाजारों से उन्होंने 10,036 करोड़ रुपए निकाले हैं। इस तरह से उन्होंने कुल मिलाकर 15,588 करोड़ रुपए (2.4 अरब डॉलर) की निकासी की है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि कमजोर रुपए तथा कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों के साथ-साथ अमेरिका-चीन संबंधों में अनिश्चितता का असर विदेशी निवेशकों की धारणा पर पड़ रहा है।