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प्रवासी मजदूरों को उनके अपने शहर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिये नीतियां बनें: एसबीआई

रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 58 लाख प्रवासी अपने गृह राज्य लौटे चुके हैं

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 10, 2020 22:03 IST
corona crisis- India TV Paisa
Photo:PTI

corona crisis

नई दिल्ली। सरकार को प्रवासी मजदूरों को उनके अपने गृह राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में ही रोजगार देने के लिये नीति बनानी चाहिए। एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार श्रमिक विशेष ट्रेन के माध्यम से की गयी यात्रा, फोन कॉल ब्योरा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के रिकार्ड के आधार पर प्रवासी मजदूरों पर व्यापक आंकड़ा तैयार कर सकती है।

एसबीआई रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार, ‘‘करीब 58 लाख प्रवासी उत्तर प्रदेश, बिहार, ओड़िशा ओर पश्चिम बंगाल जैसे अपने गृह राज्यों को लौटे हैं। यह संख्या और बढ़ सकती हैं। हमें ऐसी नीति बनाने की जरूरत है जिससे प्रवासी मजदूरों को अपने ही राज्यों में रोजगार मिल सके।’’ सरकार के कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च 2020 से ‘लॉकडाउन’ की घोषणा के बाद से लाखों प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों को लौटे हैं।

एसबीआई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है, ‘‘हमें प्रवासी श्रमिकों का एक व्यापक आंकड़ा तैयार करने और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिये नीति बनाने की जरूरत है। फोन पर की गयी बातचीत का ब्योरा, श्रमिक ट्रनों के जरिये यात्रा जैसी चीजों के आधार पर एक आंकड़ा तैयार कर सकते हैं।’’ इसमें कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों के मामले में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओड़िशा तथा पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी करीब 90 प्रतिशत है। ऐसे में यह जरूरी है कि ऐसे श्रमिकों को अपने जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिये नीतियां बनायी जाएं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रमिकों के अपने गृह राज्य लौटने से राज्य सरकारों के लिये उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना आसान नहीं होगा।

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