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Reckitt Benckiser को राहत, 63 लाख रुपये जमा करने के NAA का आदेश स्थगित

कोर्ट के मुताबिक अथॉरिटी के कंपनी को कारण बताओ नोटिस पर  कार्रवाई जारी रहेगी

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 20, 2020 17:13 IST
HC stays NAA order - India TV Paisa
Photo:GOOGLE

HC stays NAA order 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (National Anti-profiteering Authority) के उस आदेश को स्थगित कर दिया जिसमें फार्मा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी Reckitt Benckiser से उपभोक्ता कल्याण कोष में 63 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया था। अथॉरिटी ने डेटॉल हैंडवॉश की 2017 से 2019 के बीच बिक्री के दौरान कथित रूप से की गई मुनाफाखोरी के लिए यह राशि जमा करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने यह स्पष्ट किया कि यह रोक तभी प्रभावी होगी, जबकि फार्मा कंपनी उक्त राशि अथॉरिटी के पास दो सप्ताह के भीतर जमा करा देगी।

इससे पहले अथॉरिटी ने 19 मार्च, 2020 के आदेश में यह राशि जमा करने के लिए कहा था और साथ ही कंपनी से ये भी पूछा था कि केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए। अदालत ने कहा कि अथॉरिटी की कारण बताओ नोटिस पर आगे कार्रवाई जारी रह सकती है, लेकिन फार्मा कंपनी पर जुर्माना लगाने वाले किसी भी अंतिम आदेश को इस याचिका की सुनवाई तक प्रभावी न माना जाए। अदालत ने वित्त मंत्रालय, एनएए और मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) को भी नोटिस जारी किया, जिसका प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार के स्थायी वकील रवि प्रकाश और अधिवक्ता फरमान अली मागरे ने किया। उन्होंने याचिका पर अपना पक्ष रखने के लिए 24 अगस्त तक का समय मांगा।

इससे पहले डीजीएपी ने अपनी जांच में पाया था कि Reckitt Benckiser ने नवंबर 2017 से मार्च 2019 के बीच 63,14,901 रुपये की मुनाफाखोरी की और डेटॉल हैंडवॉश पर जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया। Reckitt Benckiser ने अपनी याचिका में कहा कि उसने मात्रा में बढ़ोतरी करके जीएसटी लाभ दिया।

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