नई दिल्ली। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास का अनुमान घटा दिया। मूडीज ने अनुमान दिया है कि इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष में 4 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया गया था। मूडीज ने कहा है कि भारत की क्रेडिट प्रोफाइल पर कम वृद्धि, कर्ज का बढ़ता बोझ और कमजोर वित्तीय प्रणाली का नकारात्मक असर पड़ रहा है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर इन जोखिमों की वजह से पहले से ज्यादा गिरावट का अनुमान है। मूडीज ने 11 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाते हुए कहा, "अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गहरे तनाव से जोखिम बढ़ा है और अर्थव्यवस्था में दबाव बढ़ गया है। हालांकि मूडीज ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष से अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी देखने को मिलेगी, और बेस इफेक्ट की वजह से 2021-22 में अर्थव्यवस्था 10.6 फीसदी की बढ़त दर्ज कर सकती है। मूडीज के अनुमान अन्य एजेंसियों जैसे इंडिया रेटिंग्स और फिच के अनुमानों की दिशा में ही हैं। फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया था। वहीं फिच ने भी अगले वित्त वर्ष में बेस इफेक्ट की वजह से 11 फीसदी की दर से रिकवरी का अनुमान दिया है। वहीं इंडिया रेटिंग्स ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है।
अप्रैल जून तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी मे 23.9 फीसदी की तेज गिरावट देखने को मिली है। वहीं कई एजेंसी ने दूसरी तिमाही में भी निगेटिव ग्रोथ का अनुमान दिया है। फिच के मुताबिक तीसरी तिमाही के साथ अर्थव्यवस्था में रिकवरी देखने को मिलेगी। हालांकि इस रिकवरी में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। साल 2019-20 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 4.2 फीसदी की गति के साथ बढ़ी थी।