लंदन। शोध संस्थान ओईसीडी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की रफ्तार से वृद्धि करेगी। पेरिस के इस शोध संस्थान OECD के मुताबिक वृद्धि दर में गिरावट की वजह जीएसटी और नोटबंदी का क्षणिक प्रभाव रहा।
आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन (OECD) ने आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी अपने अनुमान को संशोधित करते हुए देश की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पहले इस अवधि के लिए जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत आंकी गई थी।
ओईसीडी के अंतरिम आर्थिक परिदृश्य के मुताबिक 2017-18 में, भारत की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि जून में इसके 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी और जीएसटी के क्षणिक प्रभाव की वजह से 2017 के विकास अनुमानों को कम करना पड़ा है।
वहीं कारोबारी निवेश में भी कमजोरी बरकरार है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि लंबे अंतराल में जीएसटी से विकास, उत्पादन और निवेश में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।



































