Sunday, April 28, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Time for Rate Cut: फरवरी में रिटेल महंगाई दर घटकर 5.18%, ब्याज दरों में कटौती की बढ़ी उम्मीद

Time for Rate Cut: फरवरी में रिटेल महंगाई दर घटकर 5.18%, ब्याज दरों में कटौती की बढ़ी उम्मीद

खाने-पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी की रफ्तार कम होने से रिटेल महंगाई दर घटी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित रिटेल महंगाई फरवरी में 5.18 फीसदी रही।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: March 15, 2016 10:17 IST
Time for Rate Cut: फरवरी में रिटेल महंगाई दर घटकर 5.18%, ब्याज दरों में कटौती की बढ़ी उम्मीद- India TV Paisa
Time for Rate Cut: फरवरी में रिटेल महंगाई दर घटकर 5.18%, ब्याज दरों में कटौती की बढ़ी उम्मीद

नई दिल्ली। खाने-पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी की रफ्तार कम होने से रिटेल महंगाई दर घटी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित रिटेल महंगाई फरवरी में 5.18 फीसदी रही। जनवरी में यह 5.69 फीसदी पर थी। इस लिहाज से जनवरी के मुकाबले फरवरी में महंगाई की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है। वहीं, थोक थोक महंगाई दर लगातार 16वें महीने शून्य से नीचे रही। इससे उम्मीद बंधी है कि रिजर्व बैंक अगले महीने मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है।

पांच महीने में पहली बार घटी रिटेल महंगाई

लगातार पांच महीने बढ़ते रहने के बाद रिटेल महंगाई फरवरी में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5.18 फीसदी पर आ गई। इसका कारण सब्जी, दाल और फलों की कीमतों में बढ़ोतरी की दर धीमी होना है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में भी गिरावट रही। यह लगातार 16वें महीने शून्य से नीचे रही और खाद्य उत्पादों विशेष तौर पर सब्जियों और दालों के सस्ते होने से यह फरवरी माह में शून्य से 0.91 फीसदी नीचे रही। जनवरी में यह शून्य से 0.90 फीसदी नीचे थी।

पांच अप्रैल को ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद

महंगाई दर में कमी और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट से रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती का मामला मजबूत हुआ है। रिजर्व बैंक 2016-17 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति पांच अप्रैल को पेश करने वाला है। इंडस्ट्री ने रिजर्व बैंक से ब्याज दर में कटौती की मांग दोहराई है। उद्योग मंडल फिक्की ने कहा, इस मौके पर नीतिगत ब्याज दर में और कटौती तथा बैंकों द्वारा सस्ते कर्ज के रूप में इसका लाभ आगे बढाने से कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा। इससे कमजोर चल रहे निवेश चक्र और उपभोक्ता चक्र को गति मिलेगी। एसोचैम ने भी नीतिगत ब्याज दर कम किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement