दाहरन। सऊदी अरामको ने रविवार को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए आईपीओ लाने की घोषणा की। सऊदी के शेयर मार्केट रेग्युलेटर से इसकी मंजूरी मिल गई है। काफी समय से सऊदी अरब की इस कंपनी के शेयर बाजार में उतरने की प्रतीक्षा की जा रही थी। माना जा रहा है कि सऊदी अरामको का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ/इनिशियल पब्लिक ऑफर) संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा निर्गम होगा। कंपनी ने कहा कि आईपीओ के साइज और ऑफर प्राइस की जानकारी 9 नवंबर को दी जाएगी।
सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की काफी समय से अपनी तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने की महत्वाकांक्षा है। कई साल के विलंब के बाद अरामको ने कहा है कि उसकी योजना रियाद स्टॉक एक्सचेंज में अपने शेयर बेचने की है। हालांकि, उसने बाजार में बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
गौरतलब है कि दुनिया की कच्चे तेल की जरूरत का दस प्रतिशत अकेले सऊदी अरामको पूरा करती है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने स्पष्ट किया है कि अभी उसकी योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शेयरों को सूचीबद्ध कराने की नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि लंबे समय से दो चरण के आईपीओ की जो चर्चा चल रही थी उसे टाल दिया गया है।
सऊदी अरब के युवराज सलमान अपने देश की तेल आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना चाहते हैं। विशाल परियोजनाओं और नए उद्योगों के लिए कई अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी। विश्लेषकों का कहना है कि अरामको का मूल्यांकन 1,700 अरब डॉलर नहीं बैठेगा। यह संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी कितने शेयर बेचने का फैसला करती है। सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता कम करना चाहता है, इसलिए तेल कंपनी में शेयर बेचकर दूसरे क्षेत्रों में पूंजी लगाने की योजना है।
बढ़ेगी तेल की कीमतें
सऊदी अरामको का आईपीओ मार्केट में आने से तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना बनी हुई है। क्रूड ऑयल का दाम बढ़ने से सऊदी अरामको के शेयर में तेजी आएगी। क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी का असर आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम पर भी पड़ सकता है।