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गन्ना किसानों का बकाया घटकर 13500 करोड़ रुपये : खाद्य मंत्रालय

कुल बकाया में उत्तर प्रदेश के किसानों का हिस्सा करीब 9,500 करोड़ रुपये

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 15, 2020 19:07 IST
sugarcane dues- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

sugarcane dues

नई दिल्ली। देशभर में गन्ना उत्पादक किसानों का चीनी मिलों पर बकाया घटकर करीब 13,500 करोड़ रुपये रह गया है, जिसमें सबसे ज्यादा 9,500 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के किसानों का है। यह जानकारी बुधवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मिली है। मिलों पर गन्ना उत्पादकों की यह बकाया राशि गन्ने के लाभकारी मूल्य यानी फेयर एंड रिम्यूनरिटव प्राइस (एफआरपी) के आधार पर है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एफआरपी पर पूरे देश में गन्ना किसानों का बकाया घटकर 13,500 करोड़ रुपये रह गया है। इसमें करीब 9,500 करोड़ रुपये देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश के किसानों का है।

राज्य समर्थित मूल्य यानी एसएपी के आधार पर उत्तर प्रदेश मे गन्ना किसानों का बकाया करीब 14,000 करोड़ रुपये है, जबकि पूरे देश में करीब 18,500 करोड़ रुपये है। चालू चीनी सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में पिछले महीने पांच जून तक देशभर में मिलों पर किसानों का बकाया 17,683 करोड़ रुपये हो गया था, जबकि केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने अधिकारियों से किसानों की बकाया रकम का भुगतान करने को लेकर मिलों को जरूरी दिशानिर्देश देने को कहा था।

उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस को बताया कि चीनी के दाम में बीते दिनों हुई वृद्धि से मिलों को किसानों के बकाये का भुगतान करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में दो रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की उम्मीद में लोगों ने चीनी बेचना बंद कर दिया था, जिससे पाईपलाइन खाली हो गई थी। अब चीनी की बिक्री बढ़ने से कीमतों पर थोड़ा दबाव आया है, लेकिन उससे गन्ना किसानों के भुगतान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चीनी के एमएसपी में बढ़ोतरी होने से मिलों को किसानों के बकाये का भुगतान करने में मदद मिलेगी।

उम्मीद की जा रही थी कि बुधवार को मंत्रीसमूह की बैठक में इस पर कोई फैसला लिया जाएगा, लेकिन खाद्य मंत्रालय के अधिकारी से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चीनी के एमएसपी में बढ़ोतरी पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस समय चीनी को एमएसपी 31 रुपये प्रति किलो है। चीनी के एमएसपी में बढ़ोतरी का समर्थन नीति आयोग ने भी किया है। निजी चीनी मिलों का संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार, चालू सीजन 2019-20 में देश में चीनी का उत्पादन 272 लाख टन है, जबकि अगले सीजन 2020-21 में 305 लाख टन होने का अनुमान है।

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