उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद गुड़ के दाम में पिछले साल से करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल तेजी बनी हुई है। कारोबारियों के मुताबिक इस समय गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब से गुड़ की मांग आ रही है।
भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया है, लेकिन गन्ना किसानों का बकाया अभी भी मिलों पर 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है
CCEA approves increase in sugarcane FRP by Rs 10 to Rs 285/qtil for 2020-21 2020-21 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि का यह फैसला आर्थिक मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया।
कुल बकाया में उत्तर प्रदेश के किसानों का हिस्सा करीब 9,500 करोड़ रुपये
गन्ना और चीनी उद्योग पर नीति अयोग द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने दो रुपए प्रति किलो की एकमुश्त वृद्धि की सिफारिश की है।
मई में छूट बढ़ने के साथ चीनी की मांग बढ़ने के संकेत
इस साल चीनी की कुल अनुमानित खपत 290 लाख टन, वहीं कुल आपूर्ति 415 लाख टन संभव
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपए का बकाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार द्वारा 2019-20 चीनी वर्ष के लिए एफआरपी में वृद्धि नहीं की गई है।
देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत पिछड़ गया है।
इस सत्र में महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने अब तक गन्ने की पेराई शुरू नहीं की है। इसकी वजह से चीनी उत्पादन में गिरावट आई है।
चीनी मिलों में गन्ने की पेराई और चीनी का उत्पादन नए पेराई सत्र 2019-20 में आरंभ होने में थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन देशभर की 28 चीनी मिलें अब चालू हो गई हैं और अब तक 14.50 लाख टन गन्ने की पेराई से कुल 1.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
कैबिनेट ने चीनी वर्ष 2019-20 के लिए चीनी मिलों को चीनी का निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
बेसिक रिकवरी 10 प्रतिशत के अलावा प्रत्येक 0.1 प्रतिशत अतिरिक्त रिकवरी के लिए 2.75 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को किया जाएगा।
मानसून की प्रगति में शिथिलता के कारण देश में खरीफ फसलों की बुवाई की रफ्तार भी धीमी है।
देश में गन्ने का कुल रकबा 2019-20 में लगभग 49.31 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के कुल रकबे 55.02 लाख हेक्टेयर से लगभग 10 प्रतिशत कम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गन्ना किसानों की समस्याओं की समीक्षा की और चीनी मिलों को अगस्त तक गन्ने के बकाए का भुगतान करने का निर्देश दिया। लेकिन हकीकत यह है कि गन्ना पेराई सत्र खत्म हो चुका है और मिलों पर किसानों की बकाया रकम 10343.94 करोड़ रुपये है।
चालू विपणन वर्ष 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
चीनी मिलें अगले पेराई सत्र (अक्तूबर-अप्रैल 2018-19) के दौरान एक लाख करोड़ के गन्ने की खरीद कर सकती है। उनके वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए आगामी सत्र में गन्ने के लिए भुगतान संकट की स्थिति बढ़ है।
देश में खरीफ फसलों की खेती शुरुआत में पिछड़ने के बाद अब सामान्य होने लगी है। मानसून के आगे बढ़ने के साथ खरीफ फसलों की बुआई ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून तक देशभर में कुल 93.01 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हो चुकी है, पिछल साल इस दौरान 94.12 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी, सामान्य तौर पर इस दौरान औसतन 91.48 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है
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