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भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किल होगा H-1B वीजा पर नौकरी देना, US में पेश हुआ नया बिल

संसद में एक नया बिल पेश किया है, जो भारतीय कंपनियों को H-1B और एल-1 वर्क वीजा पर आईटी प्रोफेशनल्‍स को भर्ती करने से रोकेगा।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: July 09, 2016 14:45 IST
भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किल होगा H-1B वीजा पर नौकरी देना, US में पेश हुआ नया बिल- India TV Paisa
भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किल होगा H-1B वीजा पर नौकरी देना, US में पेश हुआ नया बिल

वॉशिंगटन। अमेरिका के दो सांसदों ने संसद में एक नया बिल पेश किया है, जिसे यदि कांग्रेस पास कर देती है तो यह भारतीय कंपनियों को H-1B और एल-1 वर्क वीजा पर आईटी प्रोफेशनल्‍स को भर्ती करने से रोकेगा। कई बड़ी भारतीय कंपनियां अमेरिका में बड़े स्‍तर पर एच-1बी और एल-1 वीजा पर निर्भर हैं। ऐसे में इस तरह का बिल उन पर बहुत अधिक प्रभाव डालेगा और उनके बिजनेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी होगा।

न्‍यजर्सी के डेमोक्रेटिक सांसद बिल पासक्रेल और कैलीफोर्निया के रिपब्लिकन सांसद डाना रोहराबचेर ने एच-1बी और एल-1 वीजा रिफॉर्म एक्‍ट 2016 को संसद में पेश किया। इस बिल का उद्देश्‍य 50 से अधिक कर्मचारियों वाली ऐसे कंपनियों को एच-1बी वीजा पर भर्ती करने से रोकना है, जिनके पास 50 फीसदी से ज्‍यादा कर्मचारी एच-1बी और एल-1वीजा होल्‍डर हैं।

राष्‍ट्रपति बराक ओबामा द्वारा हस्‍ताक्षर कर इस इस बिल को कानून के रूप में मान्‍यता देने से पहले, इसे सीनेट में पारित कराना जरूरी होगा, जहां इसे अभी तक पेश नहीं किया गया है। यहां उल्‍लेखनीय है कि यह बिल ऐसे दो अमेरिकी राज्‍यों के सांसद द्वारा पेश किया गया है, जहां सबसे ज्‍यादा भारतीय अमेरिकी नागरिक वसते हैं। सांसद पासक्रेल ने कहा कि अमेरिका के पास एडवांस डिग्री के साथ बहुत से कुशल, हाई-टेक प्रोफेशनल्‍स है, जो बेरोजगार हैं। उन्‍होंने कहा कि कुछ कंपनियां वीजा नियमों का उल्‍लंघन कर रही हैं और विदेशी कर्मचारियों की भारी भर्ती की वजह से स्‍थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही है। उन्‍होंने एक बयान में कहा कि प्रस्‍तावित बिल में प्रमुख सुधार के बगैर, अमेरिकी कर्मचारी लगातार गलत तरीके से विस्‍थापित किया जाता रहेगा और वीजा कर्मचारी के साथ भी गलत व्‍यवहार होता रहेगा। यह दोनो ही परिस्थितियां स्‍वीकार्य योग्‍य नहीं हैं।

बयान में कहा गया है कि वेदशी आउटसोर्सिंग कंपनियां एच-1बी और एल-1 वीजा प्रोग्राम का उपयोग करने में सबसे ऊपर हैं। इसमें आगे कहा गया है कि कई सालों से यह चिंता जताई जा रही है कि कैसे कुछ कंपनियां इन वीजा प्रोग्राम का गलत तरीके से इस्‍तेमाल कर रही हैं। पासक्रेल और रोहराबचेर ने इसी प्रकार का बिल 2010 में भी पेश किया था, जिसे कांग्रेस में पर्याप्‍त समर्थन नहीं मिला था।

सांसदों ने कहा कि एच-1बी और एल-1 वीजा रिफॉर्म एक्‍ट 2016 से एच-1बी और एल-1 वीजा प्रोग्राम की खामियां दूर होंगी, इससे धोखाधड़ी और दुरुपयोग कम होगा, अमेरिकी श्रमिकों और वीजा होल्‍डर्स को सुरक्षा मिलेगी, विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखते समय अधिक पारदर्शिता की जरूरत होगी और कानून का उल्‍लंघन करने वालों पर ज्‍यादा जुर्माने का प्रावधान होगा।

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