मार्च 2023 के आंकड़ों के हिसाब से, लगभग 1.34 लाख भारतीय बच्चों के आश्रित वीज़ा की स्थिति समाप्त होने की उम्मीद है, इससे पहले कि उनके परिवारों को ग्रीन कार्ड मिले।
अमेरिकी वीजा के लिए अप्लाई करने के लिए आपके पास एक वैलिड पासपोर्ट होना बहुत जरूरी है। आप अमेरिका में जितने समय के लिए रहना चाहते हैं, आपका पासपोर्ट कम से कम उस अवधि से 6 महीने ज्यादा के लिए वैलिड होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो आपको नए पासपोर्ट बनने तक इंतजार करना होगा।
अगर आप आज की तारीख में अमेरिका में अकेले रहते हैं तो आपके एक महीने का औसत खर्च 2800 से 3200 डॉलर के आसपास पड़ेगा। भारतीय करेंसी के हिसाब से देखें तो आपको अमेरिका में रहने के लिए हर महीने करीब 2.43 लाख रुपये से 2.77 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी।
US Visa: अब अमेरिका से वीजा मिलने में अधिक समय नहीं लगेगा। पीएम मोदी यूएस के दौरे पर जा रहे हैं। उससे पहले ही अमेरिका की सरकार ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दे दी है।
H-1B वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष प्रकार की नौकरियों जिनमें प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है, के लिए रखने की सुविधा देता है।
America जैसे देशों का टूरिस्ट वीजा हासिल करने की वेटिंग मार्च और अप्रैल 2024 में दिखा रहा है। यही हाल यूरोपीय देशो का भी है।
ट्रंप प्रशासन की अति प्रतिबंधात्मक नीतियों के चलते एच-1बी आवेदनों को खारिज किए जाने की दर 2015 के मुकाबले इस साल बहुत अधिक बढ़ी हैं।
अमेरिका में विदेशी नागरिकों की बारीकी से जांच करने के लिए अपनाई गई नई नीति के तहत यहां प्रवेश के लिए लगभग सभी वीजा आवेदकों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में जानकारी देनी होगी।
अमेरिका में नौकरी कर रहे 70 हजार भारतीयों के लिए बुरी खबर है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की एक अदालत को बताया कि एच -4 वीजाधारकों की कुछ श्रेणियों को काम करने की मंजूरी (वर्क परमिट) रद्द करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा प्रक्रियाओं को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। यह वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। संघीय एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
अमेरिका के वीजा का आवदेन करने वालों को अब अपने पुराने मोबाइल नंबरों, ईमेल आईडी और सोशल मीडिया का इतिहास समेत कई अन्य जानकारियां भी मुहैया करानी होंगी।
सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के संगठन नास्कॉम का मानना है कि एच-1बी वीजा के लिए अमेरिका के प्रस्तावित विधेयक में काफी कठिन शर्तें हैं।
सरकार ने उम्मीद जताई कि अमेरिका में एच-1बी वीजा प्रणाली की समीक्षा के समय भारतीय कंपनियों के योगदान द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखा जाएगा।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि अगर अमेरिकी कंपनी Apple, IBM, Cisco ने टैलंट पर जोर नहीं दिया होता तो वो आज इन बड़े मुकाम को कैसे हासिल कर पाती।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग को अमेरिकी वीजा मुद्दों से जूझते हुए ही आगे बढ़ना होगा।
मोहनदास पई का कहना है कि अमेरिका में एच1-बी वीजा के नियमों को कड़ा किया जाना, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी आईटी कंपनियों के लिए छुप हुआ वरदान है।
भारत ने अमेरिकी वीजा प्रणाली में निश्चितता पर जोर दिया है। सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधि मंडल के साथ विस्तार से चर्चा हुई है।
अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया कि वह Visa शुल्क में बढ़ोतरी के बारे में उसकी चिंताओं पर विचार करेगा। भारत ने भेदभावरहित खत्म करने की मांग की थी।
संसद में एक नया बिल पेश किया है, जो भारतीय कंपनियों को H-1B और एल-1 वर्क वीजा पर आईटी प्रोफेशनल्स को भर्ती करने से रोकेगा।
अमेरिका जाने के लिए भारतीयों के बीच दीवानगी बढ़ती जा रही है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि लोग वीजा के लिए 3.3 करोड़ तक देने को तैयार हैं।
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