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Adani Group के रिश्वत वाले केस को देखेंगी दुनिया की सबसे बड़ी लॉ फर्म्स, पढ़ें पूरी डिटेल्स

AGEL ने नवंबर में स्पष्ट किया था कि ग्रुप के मुखिया गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और सीनियर एग्जीक्यूटिव विनीत एस. जैन पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन और रिश्वतखोरी के आरोप नहीं लगाए गए हैं।

Written By: Sunil Chaurasia
Published : Jan 20, 2025 12:22 IST, Updated : Jan 20, 2025 12:29 IST
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Photo:GAUTAM ADANI रंजीत गुप्ता और रुपेश अग्रवाल पर FCPA का उल्लंघन करने की साजिश का आरोप

अडाणी ग्रुप ने सिक्यॉरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) और ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क द्वारा दायर सिविल और क्रिमिनल केस के बीच एक बड़ा कदम उठाया है। ग्रुप ने अमेरिका की टॉप लॉ फर्म्स Kirkland & Ellis और Quinn Emanuel Urquhart & Sullivan LLP को अपना केस देखने के लिए हायर किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये दोनों की दुनिया की सबसे बड़ी लॉ फर्मों में से हैं। 21 नवंबर को, अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अडाणी और कुछ अन्य लोगों पर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में मदद के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा रिश्वत देने का आरोप लगाया था। 

अमेरिकी कोर्ट में सिंगल जज को सौंपा गया है केस

AGEL ने नवंबर में स्पष्ट किया था कि ग्रुप के मुखिया गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और सीनियर एग्जीक्यूटिव विनीत एस. जैन पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन और रिश्वतखोरी के आरोप नहीं लगाए गए हैं। गौतम अडाणी, सागर अडाणी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ SEC और न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले द्वारा चलाए जा रहे सिविल और क्रिमिनल केस को अमेरिकी कोर्ट में सिंगल जज को सौंपा गया है।

रंजीत गुप्ता और रुपेश अग्रवाल पर FCPA का उल्लंघन करने की साजिश का आरोप

Azure Power के पूर्व एग्जीक्यूटिव रंजीत गुप्ता और रुपेश अग्रवाल पर FCPA का उल्लंघन करने की साजिश का आरोप है, जिसमें भारतीय सरकारी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए रिश्वतखोरी शामिल है। कनाडा के संस्थागत निवेशक CDPQ से जुड़े सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा ​​पर न्याय में बाधा डालने की साजिश का आरोप है, जिसमें सबूतों को नष्ट करना या बदलना और जांच के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी को रोकना शामिल है।

क्विन इमैनुएल ने माइक्रोसॉफ्ट और उबर जैसी बड़ी कंपनियों के लिए किया है काम

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक क्विन इमैनुएल का ऑफिस लॉस एंजिल्स में है। फर्म का कहना है कि इसके वकीलों ने 2300 से ज्यादा मामलों को हैंडल किया है और उनमें से 88% में जीत हासिल की है। कंपनी ने 70 बिलियन डॉलर से ज्यादा के फैसले और समझौते जीते हैं। कंपनी ने गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और उबर जैसी बड़ी कंपनियों के लिए भी काम किया है।

वहीं दूसरी ओर, किर्कलैंड एंड एलिस का हेडक्वार्टर शिकागो में है। फर्म ने एप्पल, गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, इस लॉ फर्म ने जॉनसन एंड जॉनसन और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियों के लिए भी केस लड़ा है

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