Friday, July 11, 2025
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अमिताभ कांत ने जी-20 शेरपा पद से दिया इस्तीफा, 45 साल की सेवा के बाद शुरू करेंगे नया सफर, जानें क्या कहा?

अमिताभ कांत ने कहा कि मैं अब मुक्त उद्यम, स्टार्टअप, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थानों को सुविधा और समर्थन देकर विकसित भारत की ओर भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान देने के लिए तत्पर हूं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jun 16, 2025 12:38 IST, Updated : Jun 16, 2025 12:38 IST
एक कार्यक्रम को संबोधित करते अमिताभ कांत। (फाइल)
Photo:@AMITABHK87 X POST एक कार्यक्रम को संबोधित करते अमिताभ कांत। (फाइल)

केरल कैडर के सेवानिवृत्त 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अमिताभ कांत ने सोमवार को G20 शेरपा के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। अधिकारी कांत को भारत द्वारा G20 प्रेसीडेंसी संभालने से कुछ महीने पहले जुलाई 2022 में भारत के G20 शेरपा के रूप में नियुक्त किया गया था। लिंक्डइन पर 'माई न्यू जर्नी' शीर्षक से पोस्ट में उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की। पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारत की G20 तैयारियों के पीछे का चेहरा रहे कांत ने कहा कि भारत के G20 शेरपा के रूप में बहुपक्षीय वार्ता का नेतृत्व करना उनके करियर में सबसे महत्वपूर्ण मील के पत्थरों में से एक रहा है। अमिताभ कांत ने 45 साल की सरकारी सेवा के दौरान विविध कार्यभार संभाले।

भारत की जी20 अध्यक्षता निर्णायक रही

खबर के मुताबिक, अमिताभ कांत ने कहा कि साल 2023 में भारत ने अब तक देखी गई सबसे समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक जी20 अध्यक्षताओं में से एक को अंजाम दिया। हमने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद नई दिल्ली नेताओं के घोषणापत्र पर सर्वसम्मति हासिल की, जिससे दुनिया का ध्यान डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, बहुपक्षीय वित्तीय सुधार, जलवायु वित्त और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास जैसी महत्वपूर्ण विकासात्मक प्राथमिकताओं पर केंद्रित हो गया। भारत ने हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में जी20 मीटिंग आयोजित कीं, जिसने शहरों को सुंदर बनाने और अपग्रेड करने, स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को शामिल करने और स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के जरिये सहकारी संघवाद में अहम योगदान दिया।

अमिताभ कांत ने गिनाई उपलब्धियां

  • हमने अफ्रीकी संघ को शामिल करने के लिए जी20 के दायरे का सफलतापूर्वक विस्तार किया, जिससे वैश्विक समावेशिता और वैश्विक दक्षिण के साथ सहयोग के लिए भारत का वादा और प्रतिबद्धता पूरी हुई।
  • साल 2016-2022 तक नीति आयोग के सीईओ के रूप में अपनी भूमिका निभाने वाले अमिताभ कांत ने कहा कि उन्हें परिवर्तनकारी आकांक्षी जिला कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला, जिसने सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में सुधार करके और हमारे लाखों नागरिकों के लिए अवसर पैदा करके भारत के 115 सबसे पिछड़े जिलों का उत्थान किया।
  • विनिर्माण को बढ़ावा देने और औद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, उन्नत रसायन सेल और अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से, आयोग ने भारत को जलवायु कार्रवाई, अत्याधुनिक नवाचार और टिकाऊ उद्यम में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, जिसे अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग कहा जाता है, के सचिव के रूप में उनका कार्यकाल सुधार एवं उदारीकरण के लिए समर्पित था, जिसमें व्यापार करने में आसानी और मेक इन इंडिया तथा स्टार्टअप इंडिया पहलों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • केरल मेरे आईएएस करियर का पहला घर था, और मैंने इसके समुदायों से बहुत कुछ सीखा - 'गॉड्स ओन कंट्री' अभियान की शुरुआत की, कालीकट हवाई अड्डे के विस्तार का समर्थन किया, और केरल के मछुआरों और महिलाओं के साथ मिलकर काम किया।
  • मैंने जो कुछ भी सीखा, उसे केंद्र की नीतियों में डाला - 'अतुल्य भारत' का जन्म पर्यटन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हुआ, क्योंकि उन्होंने देखा कि भारत की विविधता अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और किसी स्थान के सार के लिए क्या कर सकती है।
  • भारत हमेशा से ही अतुल्य रहा है और रहेगा। मैंने दुनिया को इसे पहचानने में मदद करने के लिए एक छोटे से तरीके से योगदान दिया है। कांत ने कहा कि वह मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर के प्रेरणा, मार्गदर्शन और विश्वास के लिए उनके बहुत आभारी हैं। 

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