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रक्षा क्षेत्र में बजा 'Made in India' उत्पादों का डंका, 23 गुना बढ़ा निर्यात, घरेलू खरीद में भी 'लोकल' का जोर

मात्र 10 साल में रक्षा निर्यात के मोर्चे पर 23 गुना की वृद्धि वैश्विक रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की बढ़ती धाक को प्रदर्शित करती है।

Reported By: Manish Prasad @manishindiatv
Published : May 30, 2023 16:33 IST, Updated : May 30, 2023 18:19 IST
Defense Export - India TV Paisa
Photo:FILE Defense Export

करीब एक दशक पहले महंगे और सोफेस्टिकेटेड हथियारों से लेकर छोटे मोटे रक्षा सामानों के लिए भारत विदेशों पर निर्भर था। वहीं निर्यात के मोर्चे पर भी रक्षा क्षेत्र की हिस्सेदारी नाममात्र की थी। लेकिन मोदी सरकार के 9 साल में हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं। केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियानों का रक्षा क्षेत्र पर सकारात्मक असर पड़ा है। डिफेंस एक्सपोर्ट 2023 में नए मुकाम पर पहुंच गया है, और आज देश के निर्यात में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। 

23 गुना बढ़ा निर्यात 

रक्षा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 में भारत से रक्षा निर्यात मात्र 686 करोड़ रुपये के आसपास था। जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16,000 करोड़ हो गया है। मात्र 10 साल में रक्षा निर्यात के मोर्चे पर 23 गुना की वृद्धि वैश्विक रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की बढ़ती धाक को प्रदर्शित करती है। 

Defense Export

Image Source : FILE
Defense Export

85 देशों को निर्यात कर रहा है भारत 

भारत में डिफेंस उत्पादों के निर्माण में काफी तेजी आई है। सरकार के प्रयास से दुनिया भर की कई दिग्गज कंपनियां भारत में आकर उत्पाद तैयार कर रही हैं। आज भारत में निर्मित प्रोडक्ट का निर्यात 85 से अधिक देशों में हो रहा है। इस बढ़ी क्षमता के साथ दुनिया भर में भारत के रक्षा उद्योग ने डिजाइन और विकास के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है। वर्तमान में 100 कंपनियां रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं।

सरकार की कोशिशें ला रही हैं रंग 

रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले 9 वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं और सुधार किए हैं। निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और अंत से अंत तक ऑनलाइन निर्यात प्राधिकरण के साथ देरी को कम करने और व्यापार करने में आसानी लाने के साथ उद्योग के अनुकूल बनाया गया है।इसके अलावा, आत्मनिर्भर भारत पहल ने देश में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करके देश की मदद की है, जिससे लंबे समय में आयात पर निर्भरता कम हुई है। 

आयातक से निर्यातक हुआ भारत 

भारत अब सिर्फ निर्यात के साथ बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को भारत लाने का प्रयास कर रहा है, बल्कि घरेलू खरीद में भी विदेशी निर्भरता में कमी देखी गई है। विदेशी स्रोतों से रक्षा खरीद पर खर्च 2018-19 में कुल व्यय के 46% से घटकर दिसंबर, 2022 में 36.7% हो गया है। भारत, जो कभी मुख्य रूप से एक रक्षा उपकरण आयातक के रूप में जाना जाता था, अब प्रमुख प्लेटफार्मों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्यात करता है।

भारत से किन किन चीजों का हो रहा है निर्यात 

भारत से निर्यात किए जाने वाले अन्याधुनिक हथियारों में डोर्नियर -228, आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, रडार, सिमुलेटर, बख्तरबंद वाहन आदि जैसे विमान शामिल हैं। वैश्विक एलसीए-तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर और एमआरओ गतिविधियों जैसे भारत के स्वदेशी उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है।

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