
भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुस्ती आने से सरकारी खजाने को झटका लगा हे। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी आई है। सरकार द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2025-26) में अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 1.39 प्रतिशत घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान लगभग 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2024 में इसी अवधि में एकत्र किए गए 4.65 लाख करोड़ रुपये से 1.39 प्रतिशत कम है। चालू वित्त वर्ष में अब तक रिफंड जारी करने में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 86,385 करोड़ रुपये हो गया है।
एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी मामूली बढ़त
आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान एडवांस टैक्स कलेक्शन मात्र 3.87 प्रतिशत बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल में तुलनात्मक अवधि में, अग्रिम कर संग्रह में 27 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई थी। एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान, कॉरपोरेट कर संग्रह में लगभग 1.73 लाख करोड़ रुपये की नरमी देखी गई, जो पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। हालांकि, गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है, 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 12 प्रतिशत बढ़कर 13,013 करोड़ रुपये हो गया।
ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ा
चालू वित्त वर्ष में अब तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 5.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि से 4.86 प्रतिशत अधिक है। कॉरपोरेट कर में अग्रिम कर संग्रह 5.86 प्रतिशत बढ़कर 1.22 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह 2.68 प्रतिशत घटकर 33,928 करोड़ रुपये रह गया। कुल मिलाकर, एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान अग्रिम कर संग्रह 3.87 प्रतिशत बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गया।