
भारत और कतर ने मंगलवार को अपने संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताते हुए कहा कि दोनों देश अगले पांच साल में द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना कर 28 अरब डॉलर तक ले जाएंगे। दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत और कतर के बीच इसी सिलसिले में एक समझौते का भी आदान-प्रदान हुआ। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद इस निर्णय की घोषणा की गई।
15 अरब डॉलर का है दोनों देशों के बीच व्यापार
खबर के मुताबिक, भारत में कतर का निवेश अब 1.5 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है। कतर का यहां टेलीकॉम, रिटेल और बुनियादी ढांचे में निवेश शामिल है। कतर के हालिया निवेशों में रिलायंस रिटेल वेंचर्स में 1 अरब डॉलर और 2023 में इंडोस्पेस लॉजिस्टिक्स पार्क्स में 393 मिलियन डॉलर शामिल हैं। मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 15 अरब डॉलर का है। दोनों देशों के बीच चर्चा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी सहित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया और व्यापार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की।
भारत-जीसीसी एफटीए पर चर्चा हुई
विदेश मंत्रालय में सीपीवी और ओआईए के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने सवालों के जवाब में कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-जीसीसी एफटीए पर चर्चा की और भविष्य में द्विपक्षीय स्तर पर एफटीए की संभावना पर विचार कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान ऊर्जा सुरक्षा पर भी चर्चा की गई, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि इसे कैसे व्यापक बनाया जाए। दोनों पक्षों ने आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने और राजकोषीय चोरी को रोकने पर सहमति व्यक्त की।
ऊर्जा पर भी दोनों देशों के बीच हुई बात
ऊर्जा द्विपक्षीय संबंधों का एक मुख्य स्तंभ रहा है। कतर भारत के तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के सबसे बड़े सप्लायर्स में से एक है। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। कतर की सरकारी स्वामित्व वाली कतर एनर्जी ने फरवरी 2024 में भारत के पेट्रोनेट एलएनजी के साथ अपने दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति समझौते को बढ़ाया, जिसकी अनुमानित कीमत 78 बिलियन डॉलर है, जो 2048 तक चलेगा।