भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर अमेरिका को शुल्क रियायतें देने पर अपना रुख कड़ा कर लिया है क्योंकि दोनों ही संवेदनशील विषय हैं।
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के सकारात्मक परिणाम बाजार की धारणा को और बेहतर बना सकते हैं।
एग्रीकल्चर सेक्टर में, अमेरिका डेयरी उत्पादों, सेब, पेड़ों से प्राप्त मेवों और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों जैसे उत्पादों पर शुल्क में रियायतें चाहता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हॉवर्ड लुटनिक दोनों ने ही समझौते के बारे में कोई डिटेल साझा नहीं की है।
अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और भारत के पक्ष में व्यापार अधिशेष की स्थिति है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में नौकरियां अमेरिका को होने वाले निर्यात से जुड़ी हैं।
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से अमेरिका में मंदी आ सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका है।
हॉवर्ड लुटनिक ने कहा, ''अगर आप रूस से अपने हथियार खरीदने जा रहे हैं तो ये अमेरिका को नाराज करने का एक तरीका है।''
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर के बीच अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जनवरी-मार्च की पहली तिमाही में 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ पर 9 जुलाई को खत्म होने वाली रोक से पहले दोनों पक्ष प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर अंतरिम सहमति बनाना चाहते हैं।
अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही ट्रेड डील पर फैसला हो सकता है। हालांकि, भारत की ओर से इस डील को लेकर कोई आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है।
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों के प्रति अपनी तीव्र नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है और उनकी नीतियों को भारत विरोधी बताया।
अमेरिका द्वारा सुरक्षा उपायों के नाम पर स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए हाई टैरिफ से मुकाबला करने के लिए भारत यह प्रपोजल लाया है।
जिनेवा में जारी एक जॉइंट स्टेटमेंट के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं ने दोनों देशों में निर्मित वस्तुओं पर टैरिफ को अस्थायी रूप से कम करने पर सहमति व्यक्त की है।
बातचीत का उद्देश्य अमेरिका और चीन, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार विवाद को कम करना है।
ट्रंप ने शुक्रवार को चीन पर लगे ऊंचे सीमा शुल्क को घटाकर 80 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा। इसे दोनों देशों के बीच छिड़े व्यापार युद्ध को शांत करने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है।
यदि ब्रिटेन-अमेरिका समझौता एक ब्लूप्रिंट तैयार करता है, तो संभावना है कि अमेरिका अपने खुद के एक छोटे-से समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव डाल सकता है।
इंपोर्ट पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बन गई।
ट्रंप ने इस ट्रेड डील के तहत ब्रिटेन के ऑटो, स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ कम करने और अमेरिका से ब्रिटेन को अधिक बीफ (गोमांस) खरीदे जाने पर सहमति जताई है।
भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला आज से लागू हो गया है।
RFA रिपोर्ट के अनुसार, मजदूरों ने दावा किया कि फ्लैक्सिबल सर्किट बोर्ड बनाने वाली सिचुआन स्थित कंपनी ने साल की शुरुआत से ही उनके वेतन का मुआवजा नहीं दिया।
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