Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Indian Railway News: भारतीय रेल के लिए सिरदर्द बना रूस और यूक्रेन का युद्ध, आपको झेलनी पड़ सकती है ये बड़ी परेशानी

Indian Railway News: भारतीय रेल के लिए सिरदर्द बना रूस और यूक्रेन का युद्ध, आपको झेलनी पड़ सकती है ये बड़ी परेशानी

रेलवे फिलहाल अपनी लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में LHB डिब्बों का इस्तेमाल करती है। यूक्रेन से सप्लाई न मिलने के कारण ये डिब्बे अब कम बन रहे हैं।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Sep 05, 2022 14:26 IST, Updated : Sep 05, 2022 18:36 IST
Indian Rail
- India TV Paisa
Photo:FILE Indian Rail

Highlights

  • भारतीय रेल के डिब्बों और इंजन का निर्माण अटक गया है
  • यूक्रेन भारतीय रेल को पहियों की सप्लाई करता है
  • रेल डिब्बों के साथ ही रेल के इंजनों का उत्पादन भी ठप है

Indian Railway News:  यूरोप भले ही भारत से हजारों मील की दूरी पर हो, लेकिन फिर भी इस साल फरवरी में शुरू हुए रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine Crisis) की आंच हमें हर रोज तपा रही है। महंगे ईंधन के साथ ही महंगी थाली के रूप में ये संकट हमें कई दफे परेशान कर चुका है। ऐसे में यूक्रेन संकट से भारतीय रेल रेल भी अछूती नहीं रह गई है। 

रूस यूक्रेन युद्ध के कारण भारतीय रेल के डिब्बों और इंजन का निर्माण अटक गया है। या दूसरे शब्दों में कहें तो रेलवे के विस्तार का पहिया थम गया है। बता दें कि यूक्रेन भारतीय रेल को पहियों की सप्लाई करता है। ऐसे में फरवरी से लेकर अब तक रेलवे की कई उत्पादन इकाइयां अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रही हैं। डिब्बों, पहियों, इंजन और अन्य वस्तुओं की डेडलाइन बार बार आगे बढ़ानी पड़ रही है। 

थम गए रेल के पहिए

रेलवे फिलहाल अपनी लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में एलएचबी डिब्बों का इस्तेमाल करती है। यूक्रेन से सप्लाई न मिलने के कारण ये डिब्बे अब कम बन रहे हैं। रेलवे ने बताया कि एलएचबी डिब्बों के निर्माण में कमी पहियों की आपूर्ति बाधित होने की वजह से आई है। रेलवे को अधिकतर पहिए यूक्रेन से मिलते हैं जहां युद्ध के कारण परिवहन ठप है। रेलवे ने बताया, ‘‘जहाज पर लादे जा चुके पहिए यूक्रेन में फंस गए। हालांकि अब मामला निपटा लिया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि साल के अंत तक उत्पादन में कमी की भरपाई कर ली जाएगी।’’

90 प्रतिशत गिरा उत्पादन 

रेलवे में घटते उत्पादन के चलते बेचैनी का माहौल है। कारखानों के जनरल मैनेजर्स के साथ रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ वी.के.त्रिपाठी की एक बैठक हुई है। इसमें बताया गया है कि 25 जुलाई तक उत्पादन के कितने बुरे हालात हैं। बैठक में बताया गया कि ईएमयू/मेमू ट्रेन के लिए इस अवधि में महज 53 डिब्बों का निर्माण हुआ। जबकि लक्ष्य 730 डिब्बों के निर्माण का था। इनमें से 28 डिब्बों का निर्माण कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्टरी में, 14 डिब्बे चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी में और 11 डिब्बे रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी में बने हैं।

रेल इंजनों का भी हाल बुरा 

रेल डिब्बों के साथ ही रेल के इंजनों का उत्पादन भी ठप है। सबसे बुरी स्थिति मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) और ईएमयू ट्रेनों के इंजनों का है। बैठक में मेमू या ईएमयू इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम, 60केवीए ट्रांसफॉरमर और स्वीच कैबिनेट की आपूर्ति में भी कमी पर चिंता जताई गई। बता दें कि मेमू और ईएमयू का संचालन छोटी दूरी के मार्गों पर होता है। ये मार्ग शहरी इलाकों को उप नगरीय इलाकों से जोड़ते हैं। रेलवे व्हील फैक्टरी अनुपातिक लक्ष्य (पूरे साल के लक्ष्य के अनुपात में उक्त अवधि का लक्ष्य) से 21.96 फीसदी और रेल व्हील प्लांट, बेला 64.4 फीसदी पीछे है। दस्तावेज में उल्लेख किया गया है कि जुलाई तक रेल इंजन उत्पादन तय लक्ष्य से 28 फीसदी कम रहा।

यहां भी चिप का संकट 

कोरोना के बाद से सेमीकंडक्टर की कमी इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर दिखाई दे रही थी। इसका असर रेलवे पर भी पड़ा है। रेलवे ने कहा कि सेमीकंडक्टर को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्पन्न संकट के कारण आपूर्ति में कमी की वजह से उत्पादन लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement