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केशब महिंद्रा का 99 वर्ष की आयु में निधन, भारतीय ऑटो इंडस्ट्री में उनके अतुलनीय योगदान को जानें

केशब का जन्म शिमला में नौ अक्टूबर, 1923 में हुआ था और उन्होंने अमेरिका के व्हॉर्टन, पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। वह 1947 में कंपनी में शामिल हुए थे और 1963 में इसके चेयरमैन बन गए थे।।

Edited By: India TV Paisa Desk
Published : Apr 12, 2023 17:38 IST, Updated : Apr 12, 2023 17:38 IST
केशब महिंद्रा- India TV Paisa
Photo:FILE केशब महिंद्रा

भारतीय वाहन उद्योग के दिग्गज और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (एमएंडएम) के मानद चेयरमैन केशब महिंद्रा का बुधवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वह 99 साल के थे। कंपनी ने कहा कि केशब महिंद्रा ने आज सुबह घर पर ही अंतिम सांस ली। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘‘वह एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। केशब महिंद्रा को उनके निपुण व्यापार कौशल के लिए जाना जाता था। उन्होंने महिंद्रा को विविध क्षेत्रों के समूह में बदलने में मदद की। उनके जन-केंद्रित दृष्टिकोण ने उन्हें वैश्विक व्यापार का दिग्गज बना दिया, जिसे बहुत स्नेह और सम्मान मिला।’’ केशब ने चेयरमैन के रूप में 48 साल तक महिंद्रा समूह का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्हें महिंद्रा समूह के वाहन से अन्य क्षेत्रों मसलन सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), रियल एस्टेट, वित्तीय सेवा और आतिथ्य में विस्तार का श्रेय जाता है। केशब का जन्म शिमला में नौ अक्टूबर, 1923 में हुआ था और उन्होंने अमेरिका के व्हॉर्टन, पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। वह 1947 में कंपनी में शामिल हुए थे और 1963 में इसके चेयरमैन बन गए थे।।

केशब 64 साल तक महिंद्रा एंड महिंद्रा के बोर्ड में निदेशक रहे

केशब महिंद्रा ने इस्पात व्यापार कंपनी को 15.4 अरब डॉलर के विविध क्षेत्रों में कार्यरत समूह में बदला था। उन्होंने 2012 में अपने भतीजे और समूह के तत्कालीन वाइस-चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा को समूह की कमान सौंप दी। केशब 64 साल तक महिंद्रा एंड महिंद्रा के बोर्ड में निदेशक रहे। वह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई संगठनों के बोर्ड और परिषद में शामिल रहे। वह हुडको के संस्थापक चेयरमैन थे। इसके अलावा वह कई कंपनियों मसलन सेल, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स, आईएफसी, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के बोर्ड में भी रहे। केशब ने भारत में बेहतर कॉरपोरेट प्रशासन को फिर से परिभाषित किया। वह उद्योग संगठन एसोचैम की सर्वोच्च सलाहकार परिषद के सदस्य भी थे। उन्हें वर्ष 1987 में फ्रांस के शीर्ष नागरिक सम्मान ‘शेवेलियर डे ला लीजियन डी’होनूर’ से सम्मानित किया गया था। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने बयान में कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने अपने अग्रणी लोगों में से एक को आज खो दिया है।

भारत वाहन क्षेत्र का विनिर्माण केंद्र बन सका

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वाहन उद्योग की यात्रा के शुरुआती वर्षों में उनके नेतृत्व ने देश को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में पहचान दिलाई। उनकी मदद से ही भारत वाहन क्षेत्र का विनिर्माण केंद्र बन सका।’’ केशब 1964 में सियाम के अध्यक्ष थे। अग्रवाल ने कहा, ‘‘सियाम और भारतीय वाहन उद्योग एक सच्चे दूरदर्शी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।’’ फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा, ‘‘वाहन खुदरा बिरादरी के सदस्यों के रूप में हमने आज उद्योग एक दिग्गज को खो दिया। उनके भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’’ महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने ट्वीट किया, ‘‘औद्योगिक दुनिया ने आज अपनी सबसे बड़ी हस्तियों में से एक को खो दिया है। केशब महिंद्रा का कोई मुकाबला नहीं था। मुझे एक सबसे अच्छे व्यक्ति को जानने का सौभाग्य मिला। मैं उनसे प्रेरित था कि कैसे उन्होंने व्यापार, अर्थशास्त्र और सामाजिक मामलों को जोड़ा। ओम शांति।’’

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