
क्या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन अपनी गाड़ी से किसी को ड्रॉप करने जा रहे हैं? अगर हां, तो जाहिर है आपको वहां पार्किंग की भी जरूरत पड़ सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि वहां पैसेंजर को ड्रॉप करने के लिए जाने पर आपको कई बार ज्यादा पार्किंग चार्ज भी देने पड़ सकते हैं? जी हां, ऐसा वहां ज्यादा समय तक गाड़ी लगाए रखने या रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने में देरी की वजह से हो सकता है। ऐसे में आपको पहले से ही समय को लेकर पाबंद होना चाहिए। दरअसल, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पार्किंग में समय के मुताबिक, एक पार्किंग स्लैब तय हैं, जिसके हिसाब से चार्ज वसूले जाते हैं।
कितना है पार्किंग चार्ज
उत्तर रेलवे के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर यात्रियों और वाहनों की सुगम आवाजाही के लिए 'पार्किंग सह प्रवेश नियंत्रण प्रणाली' लागू गई है। इसके तहत स्टेशन कैम्पस में प्रवेश नियंत्रण की दरें तय की गई हैं। इसके तहत अगर आप 0-8 मिनट तक वहां होते हैं तो आपको कोई पार्किंग चार्ज नहीं देना होगा। जैसे ही आपका लगने वाला समय 8-15 मिनट तक के दायरे में रिकॉर्ड होगा, आपको ₹50 पार्किंग चार्ज देने होंगे। इसी तरह, अगर 15-30 मिनट तक का समय रिकॉर्ड होता है तो आपको ₹200 पार्किंग चार्ज देने होंगे अगर आप 30 मिनट यानी आधे घंटे से भी ज्यादा वहां रुकते हैं तो आपको ₹500 पार्किंग चार्ज देने होंगे।
इस बात का ध्यान रखें
रेलवे पार्किंग नियम के मुताबिक, पैसेंजर को ड्रॉप करने के लिए तो आप गाड़ी लेकर स्टेशन के मेन कैम्पस तक जा सकते हैं लेकिन पैसेंजर को पिक अप करने के लिए आपको सामान्य या वीआईपी पार्किंग में ही खड़ा होना होगा। पैसेंजर के आने पर चार्ज देकर वहां से गाड़ी को जाने दिया जाएगा।
अलर्ट रहने में ही समझदारी
पार्किंग के लिए आपकी जेब पर भार न आए, इसके लिए समझदारी इसी में है कि स्टेशन में हर एक मिनट को लेकर आपको अलर्ट रहना चाहिए, ताकि एक्स्ट्रा पार्किंग न देनी पड़े। वैसे, आप अपनी जरूरत के हिसाब से पार्किंग देने का फैसला कर सकते हैं। रेलवे की तरफ से पार्किंग को लेकर ऐसे स्लैब बनाने के पीछे का मकसद यात्रियों को सहूलियत देना है। इससे अनावश्यक भीड़-भाड़ को रोकने में मदद मिलती है।