
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग सर्विस कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज अब इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में उतरने की तैयारी कर रही है। कंपनी के सीईओ अतुल लाल ने बताया कि शुरुआत में इन कलपुर्जों का इस्तेमाल डिक्सन अपनी जरूरतों के लिए करेगी और बाद में निर्यात पर विचार किया जाएगा। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग स्कीम को कंपनी के विकास का अगला चरण बताया। लाल ने कहा कि डिक्सन पहले ही डिस्प्ले मॉड्यूल के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू कर चुकी है और कैमरा मॉड्यूल, मैकेनिकल एनक्लोजर और लिथियम आयन बैटरी जैसे अन्य कंपोनेंट कैटेगरीज का मूल्यांकन कर रही है, जिसके लिए वह ईसीएमएस में गंभीरता से भाग लेगी।
उत्पादन का विस्तार करेगी कंपनी
उनका कहना है कि कंपनी निजी उपयोग के बाद बाहरी बाजारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन का विस्तार करेगी और कुछ कलपुर्जों में भारत और डिक्सन वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगे, जिससे वे ग्लोबल प्राइस चेन का हिस्सा बन सकेंगे। डिक्सन मोटोरोला, शाओमी जैसे कई ब्रांडों के लिए स्मार्टफोन बनाती है और उसने वीवो के साथ विनिर्माण सुविधा विस्तार के लिए समझौता किया है, साथ ही एचपी के लिए लैपटॉप का विनिर्माण भी शुरू कर दिया है।
22,919 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना
सरकार ने हाल ही में गैर-सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के लिए 22,919 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है, जिससे 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 59,350 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भी इसी योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जों के विनिर्माण के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है, हालांकि कंपनी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।