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Rice Export Ban: गेहूं चीनी के बाद चावल की आई बारी, जानिए क्यों केंद्र सरकार ने लगाई रोक?

Rice Export Ban: गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने के बाद सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से टुकड़ा चावल (Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

India TV Business Desk Edited By: India TV Business Desk
Updated on: September 09, 2022 12:44 IST
Rice Export Ban- India TV Paisa
Photo:INDIA TV Rice Export Ban: गेहूं चीनी के बाद चावल की आई बारी

Rice Export Ban: गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने के बाद सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से टुकड़ा चावल (Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने आठ सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना में कहा, "टुकड़ा चावल के निर्यात की श्रेणी को 'मुक्त' से 'प्रतिबंधित' में संशोधित किया गया है।" यह अधिसूचना नौ सितंबर 2022 से प्रभावी है। 

पहले से जहाज पर लोड किया जा चुके चावल को मिलेगी अनुमति

स्थांतरित नीति के संबंध में विदेश व्यापार नीति 2015-2020 के तहत प्रावधान इस अधिसूचना पर लागू नहीं होंगे। साथ ही 9 से 15 सितंबर की अवधि के दौरान टुकड़ा चावल की कुछ खेपों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। अधिसूचना के अनुसार, इस अवधि के दौरान निर्यात के लिए केवल उसी खेप की अनुमति दी जाएगी, जिसका इस अधिसूचना से पहले जहाजों पर लदान शुरू हो गया है। इससे पहले सरकार ने उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया है।

धान फसल के रकबे में आई कमी

चालू खरीफ सत्र में धान फसल का रकबा काफी घट गया है। ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। राजस्व विभाग की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, धान के रूप में चावल और ब्राउन राइस पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया है। यह निर्यात शुल्क नौ सितंबर से लागू होगा। गौरतलब है कि देश के कुछ राज्यों में बारिश कम होने की वजह से धान का बुवाई क्षेत्र घटा है। 

चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक

चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत है। भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर रहा। भारत ने 2021-22 के दौरान विश्व के 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया। भारत सरकार के पास जो पहले से चावल का स्टॉक था उसमें अब कमी आ गई है। आने वाले समय में भारत में चावल की कमी ना हो और यहां की जनता को महंगाई का सामना ना करना पड़े इसके लिए सरकार ने ऐसा कदम उठाया है। बता दें, इसे हमेशा के लिए बैन नहीं किया गया है। 

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