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स्विस बैंक ने भारत सरकार से साझा किया खाताधारकों का डेटा, टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों की अब खैर नहीं

मोदी सरकार टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर लगातार सख्ती बरत रही है। स्विस बैंक की ओर से खाताधारकों का डेटा मिलने से सरकार को कदम उठाने में आसानी होगी। इससे टैक्स चोर आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। वहीं, देश के बाहर कालाधन भेजना आसान नहीं होगा।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 09, 2023 17:08 IST
Swiss Bank- India TV Paisa
Photo:FILE स्विस बैंक

स्विस बैंक ने भारत सरकार से भारतीय खाताधारकों का डेटा साझा किया है। स्विट्जरलैंड ने 104 देशों के साथ करीब 36 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है। आपको बता दें कि भारत सरकार और स्विट्जरलैंड के बीच हुए समझौते के तहत लगातार पांचवें बार स्विस बैंक ने यह अहम डेटा साझा किया है। पहले स्विस बैंक किसी तरह का डेट साझा नहीं करता है। इससे ब्लैकमनी रखने वालों को बड़ी राहत थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। स्विस बैंक की ओर से डेटा साझा करने से सरकार को टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग वालों को पकड़ने में आसानी हो रही है। 

बैंक की ओर से मुहैया कराई गई ये जानकारी

भारतीय अधिकारियों ने बताया कि स्विस बैंक की ओर से कुछ लोगों, कॉरपोरेट और न्यास (ट्रस्ट) से जुड़े खातों की जानकारी साझा की गई है। साझा किए गए डेटा में पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है। इसमें नाम, पता, निवास का देश और कर पहचान संख्या के साथ ही रिपोर्टिंग वाले financial institution, खाता शेष तथा capital income से संबंधित जानकारी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि सूचना की गोपनीयता के चलते मिली जानकारी या किसी अन्य विवरण में शामिल राशि का खुलासा नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस डेटा का इस्तेमाल टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकवाद के फंडिंग सहित अन्य गैरकानूनी कामों की जांच के लिए किया जाएगा।

इनकम टैक्स में गलत जानकारी देने वाले नपेंगे 

अधिकारियों ने बताया कि मिली जानकारी के आधार पर वह यह सत्यापित कर पाएंगे कि क्या टैक्सपेयर्स ने अपने आयकर रिटर्न में अपने वित्तीय खातों की सही घोषणा की है। स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) पर वैश्विक मानक के ढांचे के भीतर 104 देशों के साथ वित्तीय खातों का ब्योरा साझा किया गया है। इस वर्ष कजाकिस्तान, मालदीव और ओमान को 101 देशों की पिछली सूची में जोड़ा गया। वित्तीय खातों की संख्या में करीब दो लाख की वृद्धि हुई है। सूचनाओं का आदान-प्रदान 78 देशों के साथ पारस्परिक था। 25 देशों के मामले में स्विट्ज़रलैंड ने जानकारी प्राप्त की, लेकिन खुद कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, क्योंकि ये (13) देश अबतक गोपनीयता तथा डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं या उन देशों (12) ने डेटा प्राप्त नहीं करने का विकल्प चुना है। 

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