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प्याज की खुदरा कीमत को रोकने के लिए एक्शन में सरकार, उठाया अब ये बड़ा कदम

प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें 8 दिसंबर को घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो आठ नवंबर को 59.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: December 11, 2023 22:51 IST
पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया।

महंगाई के आंसू रुलाने वाले प्याज की खुदरा कीमत को थामने के लिए सरकार एक्शन में आ गई है। कीमतें बढ़ें न, इसके लिए केंद्र सरकार किसानों से लगभग दो लाख टन खरीफ प्याज फसल खरीदेगी। यह खरीद यह सुनिश्चित करेगी कि घरेलू थोक दरें स्थिर रहें और प्रतिबंध के कारण तेज गिरावट न आए। भाषा की खबर के मुताबिक, किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी मंडियों से यह खरीदारी होगी।

निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं

खबर के मुताबिक,निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ महाराष्ट्र में प्याज किसानों का विरोध जारी है। प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने आठ दिसंबर को अगले साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सरकारी खरीद जारी है। इस साल अबतक हमने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है।

पहली बार सरकार कर रही ऐसी खरीद

आमतौर पर सरकार रबी प्याज के लंबे समय तक खराब न होने की गुणवत्ता को देखते हुए इसकी खरीद करती है। हालांकि, पहली बार सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने और खुदरा बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए खरीफ प्याज फसल की खरीद करेगी। सरकार बफर स्टॉक बनाए रखने एवं घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बाजार हस्तक्षेप के लिए प्याज की खरीद कर रही है।

बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर सात लाख टन

सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है, जबकि पिछले साल वास्तविक स्टॉक तीन लाख टन का ही था। सिंह के अनुसार, बफर स्टॉक के लिए किसानों से लगभग 5.10 लाख टन प्याज खरीदा गया है, जिसमें से 2.73 लाख टन का बाजार हस्तक्षेप के तहत थोक मंडियों में निपटान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया, जबकि खुदरा बिक्री अब भी जारी है। कुमार ने कहा कि बाजार में हस्तक्षेप जारी रहेगा क्योंकि वर्ष 2023 का खरीफ उत्पादन थोड़ा कम होने की उम्मीद है और मौसम के कारण फसल की आवक में भी देरी हो रही है।

जून तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में थीं

प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखकर सरकार यह संकेत देती है कि अगर व्यापारी जमाखोरी करते हैं और कीमतें बढ़ाते हैं तो इसे बाजार में कभी भी बेचा जा सकता है।  रबी की अच्छी फसल के कारण इस साल जून तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में थीं। हालांकि, जुलाई के बाद, जब प्याज का मौसम नहीं होने के दौरान भंडारित प्याज की खपत की जाती है, तो रबी प्याज की गुणवत्ता और देर से हुई खरीफ बुवाई पर चिंताओं के कारण कीमतें बढ़ने लगीं।

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