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सरकार ने FY2025-26 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य किया तय, जानें और किन फसल की होगी खरीदारी

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले और कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतें पूरी हों, यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां ​​गेहूं की खरीद करती हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Feb 28, 2025 23:53 IST, Updated : Feb 28, 2025 23:57 IST
मोटे अनाज की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा गया।
Photo:FILE मोटे अनाज की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा गया।

अप्रैल से शुरू होने वाले 2025-26 रबी विपणन सत्र के लिए 3.1 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय कर लिया गया है। सरकार ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। मंत्रालय ने फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में 11.5 करोड़ टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है, इसके बावजूद खरीद लक्ष्य कम है। भाषा की खबर के मुताबिक, आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को यहां राज्य के खाद्य सचिवों के साथ हुई बैठक में गेहूं, धान और मोटे अनाज जैसी रबी फसलों के लिए खरीद लक्ष्य तय किया गया। विचार-विमर्श के बाद, आगामी 2025-26 विपणन सत्र के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 3.1 करोड़ टन, चावल 70 लाख टन और मोटे अनाज 16 लाख टन निर्धारित किया गया।

गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य

खबर के मुताबिक, राज्यों से आगामी विपणन सत्र में गेहूं और चावल की खरीद को अधिकतम करने के लिए सक्रिय कदम उठाने को कहा गया। राज्यों से फसलों के विविधीकरण और आहार चलन में पोषण बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए मोटे अनाज की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा गया। अप्रैल से शुरू होने वाले 2025-26 रबी विपणन सत्र के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

कौन करता है खरीदारी

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले और कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतें पूरी हों, यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां ​​गेहूं की खरीद करती हैं। सत्र 2024-25 में सरकारी गेहूं खरीद तीन से 3.2 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले 2.66 करोड़ टन तक पहुंच गई। हालांकि यह 2023-24 में खरीदे गए 2.62 करोड़ टन से अधिक है, लेकिन यह उस वर्ष के 3.41 करोड़ टन लक्ष्य से कम है।

मीटिंग में सार्वजनिक वितरण प्रणाली और जन पोषण केन्द्रों से संबंधित कई अन्य पहलों पर चर्चा की गई। बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सचिवों, एफसीआई, भंडारण विकास और नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए), भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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