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Toll: चुनिंदा NH पर सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करेगी सरकार, नितिन गडकरी का ऐलान

गडकरी के अनुसार, 2014 से एनएचएआई ने उन्हें सौंपी गई परियोजनाओं/योजनाओं को पूरा करने के लिए कुल 3.77 लाख करोड़ रुपये का ऋण और अन्य उधार लिया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jul 24, 2024 17:53 IST, Updated : Jul 24, 2024 17:53 IST
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी।- India TV Paisa
Photo:PTI केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में पायलट आधार पर चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल संग्रह प्रणाली को शुरू में लागू करने का फैसला लिया है। गडकरी ने सड़क मंत्रालय की तरफ से बुधवार को राज्य सभा को यह जानकारी दी। भाषा की खबर के मुताबिक, एक लिखित उत्तर में, गडकरी ने कहा कि जीएनएसएस बेस्ड टोल के संबंध में पायलट अध्ययन कर्नाटक में एनएच-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में एनएच-709 के पानीपत-हिसार खंड पर किया गया है।

हितधारकों से परामर्श आयोजित किया गया

खबर के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि 25 जून, 2024 को अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के माध्यम से हितधारकों से परामर्श आयोजित किया गया था और 7 जून, 2024 को व्यापक औद्योगिक परामर्श के लिए वैश्विक अभिरुचि अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित की गई थी, जिसकी अंतिम तिथि 22 जुलाई, 2024 है। एक अलग प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे/हाई स्पीड हाईवे के प्रावधान के साथ रसद में सुधार के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए मास्टर प्लान सड़क मंत्रालय द्वारा पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क के तहत ई-वे बिल (जीएसटी), टोल और यातायात सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण के साथ परिवहन मॉडल का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है।

3.77 लाख करोड़ रुपये का लिया है लोन

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि लगभग 10 साल पहले शुरू हुई सभी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में से 697 परियोजनाएं अपने मूल पूरा होने के समय से आगे निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि एनएच परियोजनाओं में देरी के प्राथमिक कारण भूमि अधिग्रहण, वैधानिक मंजूरी, उपयोगिता स्थानांतरण, अतिक्रमण हटाना, कानून और व्यवस्था, ठेकेदार की वित्तीय तंगी, ठेकेदार का खराब प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी, भारी वर्षा, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन/हिमस्खलन आदि जैसी अप्रत्याशित घटनाएं हैं। गडकरी के अनुसार, 2014 से एनएचएआई ने उन्हें सौंपी गई परियोजनाओं/योजनाओं को पूरा करने के लिए कुल 3.77 लाख करोड़ रुपये का ऋण और अन्य उधार लिया है।

लगभग 20,000km राष्ट्रीय राजमार्ग का काम बाकी

मंत्री ने यह भी बताया कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में, चल रही/पुरस्कृत परियोजनाओं के तहत, मंत्रालय के पास निर्माण के लिए लगभग 20,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग शेष थे। इसके अलावा, मंत्रालय के पास डीपीआर और निविदा प्रक्रिया के तहत परियोजनाओं की एक शेल्फ है, जो चालू और अगले वित्तीय वर्षों के दौरान निर्माण प्रगति को और बढ़ाएगी। गडकरी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में बचाव और राहत कार्यों से संबंधित दो बिलों के भुगतान पर अब तक लगभग 1.94 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

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